
जयपुर अजमेर हाईवे पर भांकरोटा में हुए एलपीजी टैंकर के विस्फोट में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 घायल और 14 लापता हैं।
ट्रैफिक डायवर्जन के चलते हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। स्थानीय लोग ट्रक ड्राइवरों की मदद कर रहे हैं। भूख से ड्राइवर और यात्री बिलबिलाते रहे। कुछ लोगों की पुलिस वालों ने मदद की।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार सुबह भांकरोटा पेट्रोल पंप के पास हुए एक भीषण अग्निकांड ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। शुक्र था कि पेट्रोल पंप तक आग नहीं पहुंची नहीं तो स्थिति और भी दयनीय होती।
इस घटना के बाद इलाके में स्थिति और भी भयावह हो गई, क्योंकि धमाके के बाद लगी आग ने पास के पाइप फैक्ट्री को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और पेट्रोल पंप का कुछ हिस्सा भी जल गया।
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि हाइवे पर गुजर रहे कई वाहन भी आग की चपेट में आ गए। इस बीच, इलाके में धुंआ इतना ज्यादा हो गया कि दृश्यता कम हो गई और कई वाहनों की आपस में टक्कर हो गई।
भांकरोटा इलाके में हुए इस हादसे की चपेट में एक बस भी आई, जिसमें 32 सवारियों में से 22 से संपर्क हो चुका है। बाकी 10 सवारियों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
घटना के बाद ट्रैफिक डायवर्जन के चलते जयपुर-अजमेर हाईवे पर कई किलोमीटर तक जाम लग गया। रोड नंबर 14 पर फंसे ट्रक ड्राइवरों को स्थानीय लोग और ट्रांसपोर्टर खाने-पीने का सामान दे रहे हैं।
पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि दुर्घटना से प्रभावित वाहनों और लोगों की जानकारी ली जा सके। ये नंबर हैं-9166347551, 8764688431, 7300363636
जयपुर पुलिस ने इस हादसे में कुल 37 वाहनों के आग की चपेट में आने की पुष्टि की है, जिनमें ट्रक, बस, ट्रेलर, कार और मोटरसाइकिल शामिल हैं। हादसे की जांच जारी है और प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है। हालांकि ये आंकड़ा 50 के पार बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मोके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और हर जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने घटना की जांच कराकर कार्रवाई और मुआवजे का भी ऐलान किया है।
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। इस दुख की घड़ी में मृतक और घायलों के परिजनों के साथ सरकार पूरी तरह से है। सरकार इन्हें हर संभव मुआवजा देकर मदद करेगी।
इस भीषण हादसे के बाद हाइवे पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया और आसपास के स्कूलों में अवकाश कर दिया गया। क्रेन की मदद से जले हुए वाहनों को हाईवे से हटाया गया।
इस हादसे के चश्मदीद शत्रुघ्न शाह ने बताया कि चारो तरफ सफेद धुंध छा गई थी और गैस की महक की वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लग गई थी। यह देखे मेरे मन में ये ख्याल आया कुछ हो सकता है। इसलिए अपना ऑटो छोड़कर भागा और देखते ही देखते आग की लपटों ने सब कुछ अपने वश में ले लिया।
शत्रुघ्न शाह के मुताबिक आग से बचने का पूरा प्रयास किया, उसके बावजूद भी अपने आप को नहीं बचा पाया। हमने 15-20 लोगों को भागते देखा, उसमें कुछ लोग जल रहे थे तो कुछ लोग नंगे दौड़ रहे थे। जब हादसा हुआ उस समय करीब में लगभग 15 गाड़ियां थीं और अन्य गाड़ियां दूसरी तरफ थी।
प्रत्यक्षदर्शी शुभम झा के मुताबिक चारों तरफ धुआ देख वो घबरा गए और घबराहट में ही उन्होंने अपना ऑटो छोड़ दिया और वहां से भाग खड़े हुए, लेकिन इतने में ही पास में जल रहे अलाव की वजह से गैस ने तुरंत आंच पकड़ी और देखते ही देखते करीब दो किलोमीटर का एरिया आग और गैस रिसाव की जद में आ गया।
शुभम के मुताबिक जो भी आग की जद में आया, वह स्वाहा हो गया। चाहे फिर वह ट्रक रहा हो बड़े-बड़े टैंकर रहे हो, छोटी गाड़ियां रही हो या फिर बस रही हो। लोगों को इतना समय नहीं मिला कि लोग वहां से निकाल सकते।
तीसरे चश्मदीद संदीप राठौड़ के अनुसार जहां ये दुर्घटना हुई, वहां सड़क पर गलत कट बना है। इसी वजह से हादसा हुआ है। यहां पर आए दिन एक्सीडेंट होते रहते हैं। कुछ दिन पहले भी एक हादसा इसी जगह हुआ था। उसमें भी गैस टैंकर था। अगर उस घटना से सीख ले ली गई होती तो शायद आज ये न होता।
फिलहाल पुलिस एवं जिला प्रशासन मौके के हालात सामान्य करने में जुटा है। मृतकों का आंकड़ा जरूर बढ़ रहा है लेकिन पहचान अभी सिर्फ 3 की ही हो पाई है। 14 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि 8 अभी अननोन है।