
JK Hospital Nurse Suicide Case: भोपाल के जेके मेडिकल अस्पताल की कार्डियक यूनिट में काम करने वाली 30 वर्षीय नर्स मेघा यादव की अचानक मौत ने सभी को हैरान कर दिया। मेघा को उनके कोलार क्षेत्र के किराए के मकान में बेहोश पाया गया और तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चार साल से मेघा एक युवक के साथ लिव-इन में रह रही थीं। परिवार का दावा है कि उनके लिव-इन पार्टनर ने शादी से इनकार करने के बाद वह मानसिक तनाव में थीं। यह तनाव और अकेलापन उनकी मौत का मुख्य कारण माना जा रहा है।
मेघा अपने कोलार इलाके के किराए के मकान में थीं। उस दिन उनकी सहेली रानू का जन्मदिन था, और मेघा बर्थडे पार्टी में जाने के लिए अस्पताल से छुट्टी पर थीं। दोपहर करीब तीन बजे उनकी साथ रहने वाली छात्रा कॉलेज से घर लौट आई और कमरे में सो गई। मेघा बेहोश थीं और किसी से संपर्क नहीं कर पा रही थीं। उनके मुंह बोले भाई शिवराज पटेल ने कई कॉल करने के बाद घर जाकर देखा कि मेघा बेहोश पड़ी हैं। तुरंत उन्होंने अस्पताल को कॉल किया और मेघा को जेके अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार, मेघा ने दाएं हाथ में 4 एमएल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया। एनेस्थीसिया में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, जैसे मेटाजोलम और वैरिकुलम, सामान्य सर्जरी में सुरक्षित मानी जाती हैं, लेकिन विशेषज्ञ निगरानी के बिना ओवरडोज जानलेवा हो सकता है। मेटाजोलम से मरीज को बेहोशी और आराम मिलता है, जबकि वैरिकुलम मांसपेशियों को ढीला करके वेंटिलेटर से सांस लेने में मदद करता है।
जनवरी 2023 में जीएमसी की डॉक्टर आकांक्षा ने इसी तरह की दवा से आत्महत्या का प्रयास किया था। हाल ही में एम्स की डॉक्टर रश्मि वर्मा भी इसी डोज की वजह से वेजिटेटिव स्टेज में भर्ती हैं। जेके अस्पताल के मामले में फोरेंसिक टीम ने इंजेक्शन और बाकी दवा को जब्त कर लिया है।
मेघा बाएं हाथ से लिखती थीं, लेकिन उन्होंने जानबूझकर दाएं हाथ में इंजेक्शन लगाया। परिजन का कहना है कि लिव-इन पार्टनर का शादी से इंकार और मानसिक तनाव ही मौत की वजह हो सकता है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
फोरेंसिक टीम ने इंजेक्शन और बाकी दवा जब्त कर जांच शुरू कर दी है। मेघा लेफ्ट हैंड थीं, इसलिए उन्होंने दाएं हाथ से इंजेक्शन लिया। परिवार और पुलिस का कहना है कि शादी से इंकार और मानसिक तनाव उनकी मौत की मुख्य वजह हो सकती है।
मेटाजोलम मरीज को सेडेटिव बनाता है, याददाश्त दबाता है और बेहोशी में मदद करता है। वैरिकुलम मांसपेशियों को पूरी तरह ढीला करता है और सांस लेने की मांसपेशियों को अस्थायी रूप से निष्क्रिय करता है। बिना डॉक्टर की निगरानी ली गई मात्रा गंभीर रूप से दिल, फेफड़े और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकती है।
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