भोपाल में लोकायुक्त की कार्रवाई में तकनीकी शिक्षा विभाग के जूनियर ऑडिटर रमेश हिंगोरानी के पास 90 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ। छापे में 4 लग्जरी कारें, 1 किलो सोना, डायमंड ज्वेलरी और बड़ी मात्रा में नकद बरामद किया गया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश शिक्षा सचिवालय के तकनीकी शिक्षा विभाग के रिटायर्ड जूनियर ऑडिटर रमेश हिंगोरानी 90 करोड़ की संपत्ति के मालिक निकले हैं। भोपाल में लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार सुबह उनके बैरागढ़ स्थित आवास सहित 6 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में चार लग्जरी कारें, जिसमें क्रेटा और स्कॉर्पियो शामिल हैं, और पांच दोपहिया वाहन बरामद हुए।
सुबह पांच बजे से शुरू हुई कार्रवाई
इस दौरान टीम को एक किग्रा. से अधिक सोना, डायमंड ज्वेलरी और बड़ी मात्रा में नकदी मिली। नोट गिनने के लिए मशीन भी मंगाई गई। टीम ने हिंगोरानी के बंगले के अलावा गांधीनगर स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल, किरण प्रेरणा स्कूल और एक मैरिज गार्डन में भी छापेमारी की। अब तक की जांच में हिंगोरानी के पास 90 करोड़ से अधिक की संपत्ति के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। लोकायुक्त एसपी दुर्गेश राठौर के अनुसार यह कार्रवाई सुबह पांच बजे शुरू हुई थी, जो आय से अधिक संपत्ति की सूचना के बाद की गई थी।
बरामदगी की प्रमुख बातें
1. रमेश हिंगोरानी के ठिकानों से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई, जिसे गिनने के लिए मशीन मंगाई गई थी।
2. एक किग्रा. से अधिक सोने के जेवरात मिले हैं, जिनमें डायमंड के 2 हार और हीरे की 5 अंगूठियां शामिल हैं।
3. अब तक हिंगोरानी के परिवार के नाम एक दर्जन से अधिक चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं।
4. बैरागढ़ स्थित मकान के दूसरे फ्लोर पर, जहां कार्रवाई हुई, वह हिंगोरानी के बड़े बेटे का है।
करोड़ों की सरकारी जमीन बेचने के लगे हैं आरोप
इसके अलावा रमेश हिंगोरानी, उनके बेटे योगेश और नीलेश पर भोपाल के गांधीनगर इलाके में करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेचने के आरोप भी लगे हैं। उनका एक मैरिज गार्डन दो साल पहले प्रशासन द्वारा ध्वस्त किया गया था, क्योंकि यह सरकारी जमीन पर बना था।
4 कारें, 5 दोपहिया वाहन भी बरामद
लोकायुक्त की टीम को छापे के दौरान बैरागढ़ के बंगले से क्रेटा और स्कॉर्पियो सहित 4 कारें और 5 दोपहिया वाहन भी मिले हैं।
रमेश हिंगोरानी बेटों संग मिलकर करते हैं तीन स्कूलों का संचालन
रमेश हिंगोरानी और उनके बेटों ने सामाजिक संस्था लक्ष्मी देवी विकयोमल सराफा एजुकेशन सोसाइटी के तहत तीन स्कूलों का संचालन किया है। लोकायुक्त को मिली शिकायत में इस तथ्य का भी उल्लेख किया गया है कि हिंगोरानी ने अपने दोनों बेटों को बगैर योग्यता के समिति के स्कूलों का संचालक बना रखा है और उन्हें मोटी सैलरी दी जा रही है।
सरकारी कर्मचारी रहते हुए खड़ा किया इतना बड़ा एंपायर
सरकारी कर्मचारी को लाभ के पद पर रहने का अधिकार नहीं है, इसके बावजूद रमेश ने अपने बेटों और बहुओं को बिना योग्यता के स्कूलों का संचालक बना रखा है, जिससे उन्हें सैलरी के रूप में बड़ी रकम मिल रही है।
कितनी होती है जूनियर ऑडिटर की मंथली सैलरी?
बता दें एक जूनियर ऑडिटर की मासिक सैलरी 29 हजार से 90 हजार के बीच हो सकती है। जिसमें वह मध्यम तरीके से परिवार का खर्चा ही चला सकता है। लेकिन इस इस सरकारी कर्मचारी ने काली कमाई से करीब 100 करोड़ की जायदाद बना डाली।
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