मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को बिहार के पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के लिए रैली की। पाटलिपुत्र से बीजेपी के रामकृपाल यादव के खिलाफ राजद से मीसा भारती चुनाव मैदान में हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बिहार में लोकसभा पाटलिपुत्र के प्रत्याशी श्री रामकृपाल यादव के समर्थन में मानेर में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी मौजूद रहे।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि अपने देश के सभी राज्यों की अपनी अपनी पहचान है, एक मात्र राज्य बिहार है, जिसका नाम भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर है, वृंदावन बिहारी लाल की जय। रामकृपाल जी ने आपसे तीसरी बार सांसद बनने का आर्शीवाद लिया है। यहां यह लोकतंत्र का जो समय है इसने अलग करवट ली है, जिसे पहचानने की जरूरत है। पार्टी की अच्छाई बुराई देखने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है सबका साथ सबका विकास, यह सिर्फ कहने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित जितने परिवार वादी लोग हैं, इन्हें कहां जब भी कोई बडा पद मिलेगा तो इनके परिवार के सदस्य को मिलेगा। अंग्रेजों ने हमें हमारी जडों से काटा है, हमारे स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रम में देवी देवताओं को हटा दिया। लॉर्ड मैकाले ने 1835 में हमें हमारे देवताओं से दूर किया। लेकिन 1947 में आजादी मिलने के बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया जा सकता था, जो कांग्रेस और उनके साथियों ने नहीं किया।
कांग्रेस में एक परिवार की पांच पीढी हो गई प्रधानमंत्री बनते हुए
राहुल गांधी सफाई से झूठ बोल रहे थे, बाकी साथ दे रहे थे, कह रहे थे हमारी सरकार बनाओ हम गरीबी दूर कर देंगे खटाखट खटाखट। कांग्रेस में सोनिया गांधी ने 2004 से 2014 तक सरकार चलाई, राजीव गांधी ने 5 साल, इंदिरा गांधी ने 17 साल, जवाहर लाल नेहरू ने 18 साल सरकार चलाई है, 55 साल सरकार चली उनसे गरीबी दूर नहीं हुई, यह झूठ के पुलिंदे कहते हैं गरीबी दूर कर देंगे, जनता सब जानती है मूर्ख नहीं बनेगी।
कांग्रेस के लोगों ने पांच पीढी तक झूठ बोला है, दूसरे की भी अगली पीढी आ गई है
भगवान श्री कृष्ण के जीवन में अपार कष्ट थे, महसूस करें कि श्रीकृष्ण ने कैसे अपने जीवन की समस्याओं से जूझते हुए हमारे लिए आदर्श पेश किया। कंस एक बडा राजा था और कृष्ण गाय पालने वाले परिवार से थे, लेकिन वे डरे नहीं।
भगवान श्री कृष्ण ने कंस को मारने के बाद उग्रसेन महाराज को राज सौंपा। शिक्षा को महत्व देते हुए उज्जैन संदीपनी आश्राम पधारे। जहां उन्होंने 64 कला, 18 पुराण, 14 विद्या और चारों वेद की शिक्षा ली। श्रीकृष्ण ने अपनी शिक्षा के बल पर स्वयं पर संयम और इंद्रियों को वश में रखते हुए महाभारत के भीषण युद्ध के बीच गीता का वाचन किया। गीता दुनिया को कर्मवाक्य का सिद्धांत देती है।
विदेशी मेहमानों को पहले भेंट में ताजमहल की प्रतिकृति दी जाती थी, अब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी रामाणय और गीता को दुनिया में पहुंचा रहे हैं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं, 2020 में जब नई शिक्षा नीति आई तब मैंने कहा कि पहले अंग्रेज बाद में कांग्रेस ने हमारे देवी देवताओं को शिक्षा नीति से हटाया था। लेकिन मोदी जी के माध्यम से एक मौका मिला और अपने देवी देवताओं के प्रसंगों को पाठ्यक्रम में शामिल किया। यदि भगवान राम-कृष्ण के प्रसंगों को शामिल नहीं करेंगे तो सद्कर्म की शिक्षा संस्कार कहां से मिलेंगे। भारत का व्यक्ति दुनिया में कहीं जाए और कहे कि मैं राम-कृष्ण की धरती से आया हूं तो सब समझ जाएंगे कि यह हिंदुस्तान से आए हैं।
कांग्रेस और विरोधी पार्टियों ने लगातार षडयंत्र किए हैं, वे दुर्भाग्य से अपने समाज का वोट लेते हैं
हमारा पहला वोट मिला तो देश सुरक्षित हुआ है, किसानों के खाते में 6000 रूपए पहुंच रहे हैं। सेना के जवान और देश के किसान में माननीय मोदी जी की सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया।
हमारे मध्यप्रदेश के स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रम में भगवान राम-कृष्ण के प्रसंगों को हिस्सा बना लिया। अयोध्या जी में भगवान श्रीराम मुस्करा रहे हैं, भगवान महाकाल का महालोक तैयार हो गया है, इन सबका कारण माननीय मोदी जी हैं।
कांग्रेस और विरोधी तो इतने छोटे मन के हैं कि अयोध्या जाकर दर्शन करने को तैयार नहीं है। जिन्होंने तीन-तीन चार-चार साल सरकार चलाई है, वे कभी आपको मथुरा दर्शन के लिए ले गए है?
अबकी बार मोदी जी को वोट देना है, मोदी जी ने द्वारका से भेंट करने के लिए द्वारका तक ब्रिज बना दिया है। अब हम अपने वाहन से दर्शन करने जा सकते हैं। डूबी हुई द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण को मोर पंख अर्पित करके अपने धर्म को सम्मान दिया है।
भगवान श्रीकृष्ण, गीता गौमाता से जाने क्यों विरोधियों को नफरत है, इन विषयों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए, जिस पर हमारी संस्कृति गर्व करे, जिसे सनातन संस्कृति कहते हैं। इंडी गठबंधन के लोग सनातन संस्कृति का अपमान करते है और 'सनातन धर्म' की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते है। सनातन के इस अपमान का जवाब हमें इस चुनाव में देना है।
मैं जिनके बीच आया हूं, अबकी बार तीसरी बार मौका मिल रहा है, यह भगवान श्रीकृष्ण के मुस्कराने का मौका है। सभी संकल्प कर लें और गोपाल कृष्ण को मुस्कराने का अवसर दें। राम कृपाल जी को वोट दे। श्री नरेंद्र मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है।