कौन है वो डॉक्टर जिसने बच्चों को लिखा जानलेवा कोल्ड्रिफ सिरप? जांच में सामने आया सच, हुआ तगड़ा एक्शन

Published : Oct 05, 2025, 09:11 AM IST
Chhindwara Doctor Arrested

सार

Coldrif Cough Syrup Death Mystery: क्या एक साधारण कफ सिरप 11 मासूमों की मौत की वजह बना? छिंदवाड़ा में सरकारी डॉक्टर गिरफ्तार, तमिलनाडु की कंपनी पर केस, रिपोर्ट में मिला ज़हर—क्या भारत फिर एक नई “मेडिकल ट्रैजेडी” का गवाह बन रहा है?

भोपाल/छिंदवाड़ा। क्या एक साधारण कफ सिरप 11 मासूमों की जान ले सकता है? मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में ऐसा ही एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश को हिला दिया। बच्चों को कोल्ड्रिफ (Coldrif) नाम का कफ सिरप लिखने वाले सरकारी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, इस सिरप को बनाने वाली तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स (Shree Sun Pharmaceuticals) कंपनी के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया गया है।

क्या है कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड की असली कहानी?

छिंदवाड़ा के परासिया इलाके में कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें स्थानीय बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी के पास लाया गया। डॉक्टर ने उन्हें कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखी। शुरुआत में बच्चों को राहत मिली, लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। परिवारों के मुताबिक, बच्चों में पेशाब की मात्रा कम होना, बुखार और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई दिए। हालत इतनी खराब हुई कि कई बच्चों के गुर्दे फेल हो गए। जांच में सामने आया कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नाम का जहरीला केमिकल मिला हुआ था।

 

 

सिरप में ज़हर कैसे मिला? जांच में क्या खुलासा हुआ?

सरकारी जांच में पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल में 48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल मौजूद था। यह वही केमिकल है जो एंटीफ्रीज़ लिक्विड और पेंट जैसे औद्योगिक रसायनों में इस्तेमाल होता है। चेन्नई की सरकारी लैब ने इसे “मानक गुणवत्ता का नहीं” घोषित किया। इसके बाद तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित कंपनी श्रीसन फार्मा के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने FIR दर्ज करवाई। साथ ही पूरे प्रदेश में कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रो-DS सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

कौन है गिरफ्तार डॉक्टर और क्या हैं आरोप?

जांच में सामने आया कि डॉ. प्रवीण सोनी, जो कि एक सरकारी बाल रोग विशेषज्ञ हैं, अपने निजी क्लिनिक में बच्चों को यह सिरप लिख रहे थे। जब बच्चों की मौत का मामला सामने आया तो प्रशासन ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के मुताबिक, डॉक्टर को पता था कि सिरप पर जांच चल रही है, फिर भी उन्होंने उसका उपयोग जारी रखा।

सरकार की बड़ी कार्रवाई: कंपनी पर केस, सिरप बैन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर कहा- “छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप से हुई बच्चों की मौत बेहद दुखद है। जिम्मेदारों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।” प्रदेश में कोल्ड्रिफ की बिक्री पर प्रतिबंध के साथ ही कंपनी के अन्य प्रोडक्ट्स पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, राजस्थान, तमिलनाडु और केरल में भी इसी सिरप पर बैन लगा दिया गया है। बच्चों की मौत के बाद जांच टीमें सक्रिय हैं, लेकिन परिवार अब भी इंसाफ की उम्मीद में हैं।

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