
जबलपुर. मध्यप्रदेश में एक महिला ने अपने पति के साथ कुछ दिन गुजारने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है। कोर्ट ने महिला की फरियाद सुनने के बाद उस पर अमल भी शुरू किया है। लेकिन इससे पहले कोर्ट यह तय करने में जुटी है कि वाकई जिस कारण से महिला पति के साथ रहना चाहती है। वह सही है या नहीं। इसके लिए जांच चल रही है और कोर्ट में अगली सुनवाई 22 नवंबर तय हुई है।
दरअसल एक महिला को संतान सुख चाहिए। लेकिन उसका पति मध्यप्रदेश की इंदौर जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहा है। इस कारण महिला ने जबलपुर हाईकोर्ट में वकील के माध्यम से गुहार लगाई है कि उसे अपने पति के साथ कुछ दिन रहने दिया जाए। ताकि वह भी प्रेग्नेंट होकर मां बन सके। इस मामले में कोर्ट ने गंभीरता से विचार किया और इस मामले में डॉक्टरों से रिपोर्ट मांगी की वह मां बन सकती है या नहीं।
इस मामले में सरकारी वकील ने महिला द्वारा प्रस्तुत की गई याचिका के विरोध में कहा कि महिला मासिक पीरियड की उम्र पार कर चुकी है। इस कारण उनके प्रेग्नेंट होने की उम्मीद भी नहीं है। जबकि महिला का कहना है कि वह गर्भवती हो सकती है और मां बनकर संतान का सुख प्राप्त करना उसका अधिकार है। इस कारण इस मामले में कोर्ट ने 7 नवंबर को डॉक्टरों की पैनल के समक्ष प्रस्तुत होकर जांच कराने के आदेश दिए हैं। ताकि उनके द्वारा जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी कि महिला वाकई मां बन सकती है या नहीं।
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चूंकि इस मामले में जांच और रिपोर्ट आने में समय लगेगा। इस कारण इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 22 नवंबर को तय की है। इससे साफ नजर आ रहा है कि डॉक्टरों की पैनल द्वारा प्रस्तुत की जानेवाली रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट भी 22 नवंबर को फैसला सुना सकती है कि आखिर महिला को उसके पति के साथ रहने की इजाजत मिल सकती है या नहीं।
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