मध्यप्रदेश के मंदसौर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के सीतामऊ तहसील के दलावदा गांव में एक परिवार ने अपनी जिंदा बेटी का क्रियाकर्म कर दिया। उन्होंने शोक पत्रिका छपवाई, समाज और रिश्तेदारों को आमंत्रित किया और मृत्युभोज का आयोजन भी किया।
मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के सीतामऊ तहसील के दलावदा गांव में एक परिवार ने अपनी जिंदा बेटी का क्रियाकर्म कर दिया। उन्होंने शोक पत्रिका छपवाई, समाज और रिश्तेदारों को आमंत्रित किया और मृत्युभोज का आयोजन भी किया। कुछ दिन पहले जिस बेटी की धूमधाम से शादी करने के लिए पूरा परिवार तैयार था। शादी भी पक्की हो गई थी, तैयारियां शुरू हो गईं थी, उसी बेटी के जिंदा रहे क्रिया कर्म करने के परिवार के कदम के पीछे चौंकाने वाली वजह सामने आई है।
दरअसल 12 नवंबर को दलावदा गांव की एक युवती ने अपने घर से भागकर गुराड़िया गौड़ गांव के युवक से शादी कर ली। जबकि परिवार ने उस लड़की की शादी कहीं और तय कर रखी थी, जो दो महीने बाद होने वाली थी। लड़की के लापता होने पर परिजनों ने सीतामऊ थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने लड़की और उसके प्रेमी को बरामद कर लिया। दोनों को थाने लाया गया, जहां युवती ने साफ कह दिया कि वह बालिग है और अपने फैसले खुद ले सकती है। लिहाजा वह अपने प्रेमी के साथ रहेगी, न कि मां-बाप या परिवार के साथ।
लड़की के इस कदम से नाराज परिवार ने उसी वक्त उससे सारे रिश्तों को खत्म करने का फैसला कर लिया। भाई विनोद ने बताया कि जिस बहन को हमने प्यार से पाला, उसने हमारा मान सम्मान खत्म कर दिया। हमने क्रियाकर्म कर यह संदेश दिया है कि बेटियां ऐसा कदम उठाने से पहले परिवार का सम्मान समझें अन्यथा परिवार भी उन्हें मरा हुआ मानकर आगे बढ़ जाएगा।
परिवार ने लड़की से सिर्फ रिश्ता ही नहीं खत्म किया बल्कि शोक पत्रिका छपवाकर समाज के लोगों में बांटा और उन्हें घर बुलाया। उसके बाद बाकायदा धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार जिस तरह से मृत व्यक्ति के बाद धार्मिक रीति रिवाज से क्रियाकर्म किया जाता है, उसी अनुसार लड़की का क्रिया कर्म किया गया और मृत्युभोज का आयोजन किया गया। उसके बाद उसी समय युवती से जुड़ी हर चीज को परिवार ने जला दिया। जिसमें लड़की के कपड़े, फोटो, और अन्य सामान थे। उसकी किसी भी यादा को परिवार ने घर में नहीं रखा।
उससे पहले जब पुलिस प्रेमी युगल को पकड़कर थाने ले आई तो लड़की के घरवालों ने थाने में ही लड़की को बहुत समझाने की काेशिश की। उसकी 80 वर्षीय दादी ने उसके पैर पकड़कर भी उसे घर लौटने के लिए मनाया। चिरौरी मिन्नत की। यहां तक कहा कि परिवार समाज की मान-प्रतिष्ठा बचाने के लिए उसी लड़के से उसकी शादी करवा देगा, लेकिन रीति रिवाज के साथ और उसके लिए लड़की को घर चलना होगा। लेकिन युवती किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हुई। उसने तो यहां तक कह दिया कि मेरा कोई परिवार नहीं है।
परिजनों ने बताया कि उनकी उस बेटी ने उन्हें थाने में पहचानने से इनकार कर दिया, जिसे उन्होंने पाल पाेश कर इतना बड़ा किया था। बेटी ने पुलिस के सामने कह दिया कि मेरा कोई परिवार नहीं है। मैं इन लोगों को नहीं जानती। जिससे पूरे परिवार को गहरा सदमा लगा और तभी परिवार ने उस लड़की से सभी रिश्ते तोड़ने का निर्णय लिया। युवती के भाई विनोद ने बताया कि हमने बहन को समझाने की पूरी कोशिश की। लेकिन जब उसने हमारी बात नहीं मानी, तो हमने उसका क्रियाकर्म कर दिया।
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