आजकल लोगों का बैंकों से लेन-देन बढ़ गया है। देश में हर किसी के पास बैंक खाता हो, इस लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं। खासकर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बैंक खाते अनिवार्य हो गए हैं।
बैंकों और ग्राहकों के बीच संबंध बढ़ रहे हैं। इसी के मद्देनजर लोग बैंकों की छुट्टियों और काम के घंटों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में रुचि दिखाते हैं। बैंक भी ग्राहकों को एसएमएस के जरिए समय-समय पर जानकारी देते रहते हैं। इसी क्रम में हाल ही में बैंक के काम के घंटों में बदलाव करने का फैसला लिया गया है।
आमतौर पर हर बैंक के काम के घंटे अलग-अलग होते हैं। बैंकों के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव होना आम बात है। नाम के तो सभी सरकारी बैंक हैं, लेकिन काम के घंटों में अंतर होता है। इससे कई बार खाताधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है।
बैंकिंग सेवाओं को बेहतर बनाने और खाताधारकों की परेशानियों को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के काम के घंटे एक जैसे करने का फैसला लिया है। यह फैसला 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया।
इस फैसले के अनुसार, राज्य के सभी बैंक सुबह 10 बजे खुलेंगे और शाम 4 बजे बंद होंगे। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यह कदम बैंकिंग सेवाओं को व्यवस्थित करने में मदद करेगा।
बैंकों के अलग-अलग समय होने के कारण ग्राहकों को भ्रम होता है। कुछ बैंक सुबह 10 बजे खुलते हैं, तो कुछ 10:30 या 11 बजे। इससे एक बैंक से दूसरे बैंक जाने वाले खाताधारकों को काफी परेशानी होती है। इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने एक समान काम के घंटे लागू करने का फैसला लिया है। इस फैसले से भ्रम दूर होगा और ग्राहकों को ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले को दूसरे राज्य भी लागू कर सकते हैं। अधिकारियों का मानना है कि सभी बैंकों के एक ही समय पर काम करने से इंटर-बैंक लेनदेन और ग्राहक रेफरल जैसी सेवाओं में बेहतर तालमेल होगा। यह फैसला कर्मचारियों के लिए भी फायदेमंद होगा और ऑफिस शिफ्ट की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगा।