
भोपाल: आंकड़े बताते हैं कि 2025 में मध्य प्रदेश में 50 सालों में सबसे ज़्यादा बाघ मारे गए हैं. यह आंकड़ा 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू होने के बाद का है. हाल ही में, आठ से दस साल के एक नर बाघ की मौत हुई है. इस नर बाघ का शव सागर इलाके के बुंदेलखंड में मिला. रविवार को हिलगन गांव के पास नर बाघ का शव मिला था. गांव वालों की सूचना पर वन विभाग और पशुपालन विभाग के लोग वहां पहुंचे. बाघ के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं मिली है. वन विभाग ने बताया कि मौत की वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम किया जाएगा.
बाघ इस इलाके में कहां से आया, इसका पता लगाने की कोशिशें भी शुरू हो गई हैं. शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि यह बाघ नौरादेही टाइगर रिजर्व से आया था. यह पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है कि क्या बाघ की मौत बिजली के झटके से हुई है. यह शक भी गहरा रहा है कि कहीं बाघ को मारकर जंगल में तो नहीं फेंका गया. खेतों को बचाने के लिए लगाए गए बिजली के तार जंगली सूअर और हिरण जैसे जानवरों के लिए खतरा बने हुए हैं.
खेतों के चारों ओर हाई-वोल्टेज करंट का बहना भी चिंता बढ़ा रहा है. बाघ की मौत की इस घटना को राज्य के वन विभाग की लापरवाही के तौर पर देखा जा रहा है. इसके साथ ही, 2025 में मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में मरने वाले बाघों की संख्या 55 हो गई है.
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