बरकतउल्ला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह: राज्यपाल मंगुभाई पटेल व CM मोहन यादव का संबोधन, विद्यार्थियों को मिली डिग्री व गोल्ड मेडल

Published : Sep 08, 2025, 07:14 PM IST
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सार

भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह हुआ। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विद्यार्थियों को डिग्री व स्वर्ण पदक प्रदान किए। नई शिक्षा नीति, भारतीय परंपरा और डिजिटल मूल्यांकन पर जोर दिया गया।

भोपाल। राज्यपाल और कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों को हमेशा अपने माता-पिता और शिक्षकों के योगदान के लिए आभारी रहना चाहिए। सफलता मिलने के बाद भी उनका सम्मान बनाए रखें। दीक्षांत समारोह में ली गई शपथ को रोज़ याद करें और जीवनभर उसका पालन करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "नए, डिजिटल और विकसित भारत" के सपने को पूरा करने में विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका है। दीक्षांत केवल डिग्री मिलने का अवसर नहीं, बल्कि यह विद्यार्थियों की सालों की मेहनत, अनुशासन और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम होता है। साथ ही यह समाज और राष्ट्र की सेवा यात्रा की शुरुआत भी है। राज्यपाल श्री पटेल सोमवार को भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

समारोह की शुरुआत राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दीप प्रज्ज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की स्मारिका और पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री की अगुवाई में विश्वविद्यालय की शोभा यात्रा मंत्रोच्चार के बीच सभागार में प्रवेश कराई गई। कुलगुरु सुरेश कुमार जैन ने राज्यपाल का पौधा, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। कुलगुरु श्री जैन ने विद्यार्थियों को दीक्षांत उपदेश दिया और उन्हें शपथ दिलाई।

डिग्री और स्वर्ण पदक पाकर विद्यार्थियों के चेहरे खुशी से चमक उठे

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से युवाओं को उनकी क्षमता, रुचि और कौशल के अनुसार पढ़ाई के हर स्तर पर अवसर मिल रहे हैं। आज कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, शारीरिक शिक्षा, साइबर सुरक्षा, फॉरेंसिक साइंस, ड्रोन तकनीक और विधि जैसे क्षेत्रों में करियर की नई संभावनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और राष्ट्र के विकास में करें। राज्यपाल ने समारोह में विद्यार्थियों को डिग्री और स्वर्ण पदक प्रदान किए और उन्हें बधाई दी। उन्होंने विश्वविद्यालय को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में बेहतर प्रयासों के लिए नैक से "ए" ग्रेड मिलने और ग्लोबल वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में स्थान पाने पर शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का संबोधन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय अपनी प्रतिभा से दुनिया में पहचान बना रहे हैं। अब दीक्षांत समारोह भारतीय परंपरा के अनुसार आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेश में सबसे पहले 2020 में नई शिक्षा नीति लागू हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सभी भाषाओं के अध्ययन पर जोर दे रहे हैं। भारत के हर राज्य की भाषाएं हमारी राष्ट्रभाषा हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू की है, जिसकी खूब सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन नहीं, बल्कि समाज में ज्ञान फैलाने का जरिया है। प्रदेश में कुलपति को अब कुलगुरु की नई संज्ञा दी गई है, जिसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली ने भी अपनाया है। यहां के विश्वविद्यालयों में नवाचारों के साथ कृषि और फैशन डिजाइनिंग जैसे रोजगारमुखी पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के माध्यम से 54 हजार विद्यार्थियों को स्नातक, 23 हजार को स्नातकोत्तर, 190 को पीएचडी की डिग्री और 21 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक मिले हैं। कुल मिलाकर 78 हजार विद्यार्थियों के सपने पूरे हुए हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों और निजी कॉलेजों को मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोलने में पूरा सहयोग दे रही है। झाबुआ जिले में देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर के सहयोग से मेडिकल कॉलेज खुलने वाला है। उन्होंने कहा कि आज देश में सुशासन की नई हवा चल रही है। सरकार युवा, किसान और गरीब सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी देश के सम्मान और हर वर्ग के हितों के रक्षक हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि 21वीं सदी भारत की होगी और भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

मंत्री श्री परमार का संबोधन

तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि आज विद्यार्थियों ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। हमें जीवनभर समाज और परिवार का ऋण चुकाने का प्रयास करना चाहिए। अब देश में भारतीय परंपरा के अनुसार दीक्षांत समारोह आयोजित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव जब उच्च शिक्षा मंत्री थे, तभी सबसे पहले प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई। राज्य सरकार अब सभी विश्वविद्यालयों में डिजिटल मूल्यांकन शुरू करने जा रही है। विद्यार्थियों को उनकी उत्तर पुस्तिकाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों में एक या दो भाषाओं की पढ़ाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश हृदय प्रदेश है और यहां भाषाओं को जोड़ने का काम शुरू होगा।

वाइस चांसलर प्रो. सुरेश कुमार जैन का संदेश

वाइस चांसलर प्रो. सुरेश कुमार जैन ने स्टूडेंट्स को शपथ दिलाई और कहा- वह जहां जाएं, अपनी यूनिवर्सिटी और शहर को न भूलें। हमेशा सच्चाई और धर्म के रास्ते पर चलें और सेल्फ स्टडी करते रहें। अपनी एनर्जी सोसाइटी और देश के कल्याण में लगाएं। दीक्षांत समारोह में छात्रों को डी.लिट, पीएचडी और स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई। साथ ही विभिन्न संकायों में हाईएस्ट मार्क्स पाने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी दिए गए।

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