
Asirgarh fort hidden treasure: असीरगढ़ किले (Asirgarh Fort) के पास एक बार फिर मुगलों के छिपे खजाने की अफवाहों ने हलचल मचा दी है। बीते तीन दिनों से, सैकड़ों ग्रामीण रात के अंधेरे में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में खेतों में खुदाई कर रहे हैं। इन लोगों का दावा है कि उन्हें मुगलकाल के सोने के सिक्के (Mughal Gold Coins) मिल रहे हैं। इस अफवाह ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलते ही खजाने की खोज को और तेज कर दिया।
कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें खुदाई के दौरान पुराने मुगल काल के सिक्के (Ancient Coins) मिले हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग खेतों में गड्ढे खोदते और सिक्के तलाशते हुए नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। चार महीने पहले भी इसी तरह की अफवाह के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने खेतों की खुदाई शुरू कर दी थी।
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खजाने की तलाश की खबर मिलने पर निंबोला थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की। खेतों में गड्ढे जरूर मिले लेकिन अब तक किसी सिक्के या खजाने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला। बुरहानपुर के एसपी देवेंद्र पाटीदार ने कहा, “हम पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं। अगर कोई अवैध तरीके से खुदाई करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
गांव के वसीम खान ने बताया कि हारून शेख (Haroon Sheikh) के खेत में मुगलों के सोने के सिक्के (Hidden Treasure) निकल रहे हैं। लोग शाम 7 बजे से सुबह 3 बजे तक खुदाई में जुटे रहते हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से अब तक इन दावों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन गांववालों का कहना है कि वे इस खोज को जारी रखेंगे।
असीरगढ़ किला इतिहास में एक महत्वपूर्ण किला माना जाता है। मुगलों के शासनकाल में यह रणनीतिक रूप से बेहद अहम था। इतिहासकारों के मुताबिक, उस दौर में लोग अपनी संपत्ति जमीन में छिपा देते थे ताकि युद्ध या लूटपाट के समय उसे बचाया जा सके। शायद यही वजह है कि समय-समय पर यहां खजाने की अफवाहें फैलती रहती हैं।
यह पूरा मामला हाल ही में चर्चित फिल्म "छावा" (Chhava Movie) की कहानी से मेल खाता है, जिसमें मुगलों के खजाने की तलाश का जिक्र किया गया था। फिल्म में असीरगढ़ किले में सैनिकों द्वारा सोने-चांदी को जमीन में छिपाने की घटना को दर्शाया गया था। अब एक बार फिर इस किले के आसपास खजाने की अफवाहें गरम हैं।
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