
बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में आदिवासी संगठन ‘मांझी सरकार’ ने प्रेम विवाह के खिलाफ एक चौंकाने वाला और विवादित फरमान जारी किया है। संगठन ने पुलिस को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि अगर कोई गैर-आदिवासी लड़का किसी आदिवासी लड़की से लव मैरिज करता है, तो उसके हाथ-पैर काट दिए जाएं। यह फरमान तब आया जब हाल ही में एक आदिवासी लड़की गैर-आदिवासी लड़के के साथ चली गई, जिससे आदिवासी समाज में भारी आक्रोश फैल गया। विरोध में मांझी सरकार के कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली और एडिशनल एसपी को ज्ञापन सौंपा।
मांझी सरकार के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस से यह मांग की कि अगर कोई गैर-आदिवासी लड़का आदिवासी लड़की से शादी करता है, तो उसे कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने यहां तक कहा कि ऐसे लड़कों के हाथ-पैर काट दिए जाएं और लड़की का जाति प्रमाण पत्र भी रद्द कर दिया जाए। इस मांग ने सामाजिक तकरार को और भड़का दिया है, क्योंकि यह संविधान और कानून के खिलाफ है।
मांझी सरकार का आरोप है कि गैर-आदिवासी लड़के, आदिवासी लड़कियों को बहला-फुसलाकर शादी करते हैं और फिर उनके नाम पर आरक्षित जमीनें खरीद लेते हैं।
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मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की जमीनों को गैर-आदिवासी नहीं खरीद सकते। मांझी सरकार का कहना है कि गैर-आदिवासी लड़के शादी करके इस कानून को तोड़ते हैं और आरक्षण का लाभ उठाते हैं।
हाल ही में एक आदिवासी लड़की गैर-आदिवासी लड़के के साथ चली गई। जब लड़की के माता-पिता और मांझी सरकार के कार्यकर्ता उसे वापस लाने गए, तो दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि लड़के के परिवार ने मांझी सरकार के सैनिकों के खिलाफ चोपना थाने में केस दर्ज करा दिया। इससे गुस्साए मांझी सरकार के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और निष्पक्ष जांच की मांग की।
मांझी सरकार आदिवासियों का एक संगठन है, जिसके कार्यकर्ता खाकी वर्दी पहनते हैं। पहले भी यह संगठन आदिवासी अधिकारों को लेकर कई बार सुर्खियों में आ चुका है। अब इंटरकास्ट मैरिज को लेकर उनका यह विवादित बयान सामाजिक और कानूनी रूप से गंभीर मुद्दा बन चुका है।
'मांझी सरकार' का आरोप है कि गैर-आदिवासी समाज के लोग आदिवासी लड़कियों को बहला-फुसलाकर शादी कर लेते हैं और फिर उनके आरक्षण और जमीन का फायदा उठाते हैं। आदिवासी कानून के अनुसार, कोई गैर-आदिवासी व्यक्ति आदिवासी की जमीन नहीं खरीद सकता, लेकिन शादी के बाद लड़की के नाम पर संपत्ति खरीदी जा रही है। संगठन का कहना है कि यह आदिवासी संस्कृति और अधिकारों पर हमला है। उनका यह भी आरोप है कि बहुत से गैर-आदिवासी युवक धोखे से आदिवासी लड़कियों से विवाह कर आरक्षण का लाभ ले रहे हैं।
बैतूल पुलिस प्रशासन ने कहा कि वे पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैतूल एसपी के अनुसार –"कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है। हम सभी शिकायतों की जांच करेंगे और उचित कार्रवाई होगी।"
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