
MP electricity theft reward: मध्य प्रदेश में बिजली चोरी को रोकने के लिए ईस्ट और सेंट्रल डिस्कॉम ने एक अनोखी योजना शुरू की है। योजना के तहत अब आम नागरिक भी बिजली चोरी की शिकायत कर 10 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक का इनाम पा सकते हैं। इसी उद्देश्य के लिए खासतौर पर ‘वी मित्र ऐप’ लॉन्च किया गया है, जिससे उपभोक्ता सीधे बिजली विभाग को चोरी या तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी दे सकते हैं।
वी मित्र ऐप (V mitra App) केवल शिकायत दर्ज कराने का एक माध्यम नहीं, बल्कि बिजली वितरण प्रणाली का सोशल ऑडिट टूल है। उपभोक्ता इसमें कनेक्शन से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी जैसे गलत जिओ टैगिंग, अपलोड-लोड मिसमैच, ट्रांसफार्मर लिंकेज की रिपोर्टिंग कर सकते हैं। यदि दी गई जानकारी सही पाई जाती है, तो रिपोर्ट करने वाले व्यक्ति को इनाम राशि दी जाती है।
डिस्कॉम (DISCOM) यानी बिजली वितरण कंपनी, जो बिजली उत्पादकों से ऊर्जा खरीदकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाती है। यह नेटवर्क का संचालन करती है और सुनिश्चित करती है कि आपके घरों तक बिना रुकावट बिजली पहुंचे। ये सरकारी या निजी कंपनियां भी हो सकती हैं।
इनाम ईस्ट डिस्कॉम के जनरल मैनेजर पीके अग्रवाल ने बताया कि हर कनेक्शन को जियो-टैग किया गया है। यदि किसी ने गलत टैगिंग या क्षमता से अधिक लोड की सटीक जानकारी दी तो ₹10 से ₹25 प्रति किलोवाट तक इनाम मिल सकता है। गंभीर मामलों में इनाम की राशि ₹50,000 तक जा सकती है।
अब तक 'वी मित्र ऐप' (V Mitra app) के जरिए 1190 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 49 मामलों में ₹21,300 के इनाम दिए जा चुके हैं। खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है। यानी, आप गुप्त रूप से भी सिस्टम की मदद कर सकते हैं और इनाम कमा सकते हैं।
डिस्कॉम के अनुसार यह अभियान केवल बिजली चोरी रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य जनता को बिजली व्यवस्था की निगरानी में भागीदार बनाना है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो अन्य राज्यों में भी इसे अपनाया जा सकता है।
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