मध्यप्रदेश बना हरित ऊर्जा का हब: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया रिलायंस के तीन CBG प्लांट्स का शुभारंभ

Published : Nov 12, 2025, 07:15 PM IST
MP Green Energy CM Mohan Yadav inaugurate reliance CBG plants

सार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल, इंदौर और सतना में रिलायंस के तीन सीबीजी प्लांट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया। 700 करोड़ के निवेश से बने ये प्लांट कचरे से हरित ऊर्जा बनाएंगे, कार्बन उत्सर्जन घटाएँगे और रोजगार के नए अवसर देंगे।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हरित ऊर्जा (Green Energy) आज की सबसे बड़ी जरूरत है। समेकित ऊर्जा उत्पादन पद्धति से हम देश और प्रदेश को स्वच्छ, हरित और उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी से मध्यप्रदेश को हरित ऊर्जा का हब बनाया जाएगा।

तीन कम्प्रेस्ड बायो गैस (CBG) प्लांट्स का वर्चुअल शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रिलायंस ग्रीन एनर्जी कंपनी द्वारा भोपाल, इंदौर और सतना में बनाए गए तीन नए कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) प्लांट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ये अत्याधुनिक संयंत्र “कचरे को ऊर्जा में बदलने” का प्रतीक हैं। इनसे पराली जलाने जैसी घटनाएं कम होंगी और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।

6 संयंत्रों में 700 करोड़ का निवेश

रिलायंस कंपनी ने अब तक मध्यप्रदेश में 6 सीबीजी प्लांट स्थापित किए हैं। तीन का लोकार्पण बुधवार को हुआ, जबकि जबलपुर, बालाघाट और सीहोर में संयंत्र निर्माणाधीन हैं। इन पर कुल लगभग 700 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इनकी संयुक्त उत्पादन क्षमता 45 हजार टन प्रति वर्ष है। इन संयंत्रों से हर साल करीब 17 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी- जो राज्य सरकार के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का बड़ा उदाहरण है।

भोपाल में हरित क्रांति 2.0 की शुरुआत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के आदमपुर छावनी में बना यह सीबीजी प्लांट प्रदेश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक संयंत्र है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वेस्ट टू वेल्थ” और “एनर्जी फ्रॉम वेस्ट” के विज़न को साकार करता है। उन्होंने इसे “स्वच्छ ऊर्जा, हरित विकास और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के नए युग की शुरुआत” बताया।

झीलों की नगरी में बना वेस्ट-टू-वेल्थ सेंटर

रिलायंस कंपनी के अनुसार भोपाल प्लांट 130 करोड़ रुपये की लागत से 20 एकड़ भूमि पर बनाया गया है। इससे प्रतिदिन 22.5 टन बायो गैस का उत्पादन होगा, जिसके लिए 260 टन कृषि अवशेष (जैसे पराली और नेपियर घास) का उपयोग किया जाएगा। यह गैस बायो-CNG के रूप में वाहनों, घरेलू और औद्योगिक उपयोग में लाई जाएगी- जिससे लगभग 2000 ऑटो और छोटे वाहनों को ईंधन मिलेगा। इससे 250 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

अपशिष्ट से अवसर : वेस्ट मैनेजमेंट का नया मॉडल

यह सीबीजी संयंत्र जीरो लिक्विड डिस्चार्ज तकनीक पर आधारित है और व्हाइट कैटेगरी में आता है, जो पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें Anaerobic Digestion Technology का उपयोग हुआ है, जिसे GPS Renewables (भारत) और Snow Leopard Projects (जर्मनी) ने विकसित किया है। यह संयंत्र किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने का माध्यम बनेगा- पराली बेचकर उन्हें अतिरिक्त आमदनी मिलेगी और 90 टन प्रतिदिन जैविक खाद (Fermented Organic Manure) तैयार होगी। इससे मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ेगी और रासायनिक खादों पर निर्भरता घटेगी।

प्रदेशभर में बन रहे नए बायो गैस प्लांट

इंदौर, सतना और जबलपुर में सीबीजी संयंत्र लगभग तैयार हैं, जबकि बालाघाट और सीहोर में काम जारी है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ कृषि अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पन्न करेगा, बल्कि बंजर भूमि और वेस्टलैंड को भी पुनर्जीवित करेगा।

परियोजना के पहले चरण में 100 संयंत्र लगाने का लक्ष्य है, जिनमें प्रत्येक में लगभग 120 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। आने वाले वर्षों में रिलायंस कंपनी प्रदेश में 500 कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट्स लगाने की योजना पर काम कर रही है।

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Indigo Flight: भोपाल में फंसी दुल्हन तो दिल्ली में दूल्हा, फिर कैसे हुई शादी?
MP : एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, दुल्हन के लौटने से पहले आंगन में थीं लाशें