Published : Jun 03, 2025, 10:38 AM ISTUpdated : Jun 03, 2025, 10:41 AM IST
मध्य प्रदेश के पचमढ़ी के 132 साल पुराने राजभवन में पहली बार डेस्टिनेशन कैबिनेट मीटिंग होगी। जानें इस ऐतिहासिक इमारत का गौरवशाली इतिहास और उसकी भव्य यूरोपीय वास्तुकला। राजा भभूत सिंह को समर्पित यह बैठक विकास और जनकल्याण का संदेश देगी।
मध्य प्रदेश की खूबसूरत हिल स्टेशन पचमढ़ी में स्थित 132 वर्ष पुराने राजभवन में पहली बार 3 जून 2025 को डेस्टिनेशन कैबिनेट मीटिंग आयोजित होने जा रही है। यह बैठक जनजातीय नायक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा भभूत सिंह को समर्पित होगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में यह बैठक राज्य सरकार के विकास के प्रति समर्पण और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण का संदेश देगी।
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ब्रिटिश काल में ‘गवर्नमेंट हाउस’ कहलाता था ये राजभवन
1887 में बना पचमढ़ी का यह भवन कभी बैतूल के जागीरदार की संपत्ति था, जिसे अंग्रेजों ने अधिग्रहित कर गवर्नमेंट हाउस बना दिया। यहीं से ब्रिटिश अफसर गर्मियों में शासन चलाते थे।
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सिर्फ इमारत नहीं, एक विरासत है पचमढ़ी राजभवन
22.84 एकड़ में फैले इस भवन की भव्यता और संरचना किसी यूरोपीय महल से कम नहीं। आलीशान फर्नीचर, ऊंची छतें और राजशाही अहसास इसे खास बनाते हैं।
मुख्य भवन में 8 कमरे हैं, जिनके नाम सतपुड़ा, महादेव, जटाशंकर, पांडव, रजत, राजेंद्रगिरी जैसे प्रसिद्ध स्थानों के नाम पर रखे गए हैं।
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डांस हॉल से दरबार हॉल तक सब कुछ आज भी जीवित
1911 में बना डांस हॉल, लकड़ी का खोखला फर्श और दरबार हॉल की नक्काशी आज भी ब्रिटिश काल की भव्यता को जीवित रखती है। यहां पियानो और बिलियर्ड टेबल भी संरक्षित हैं।
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नागद्वार गोल रूम और राजसी डाइनिंग टेबल भी खास
गोलाकार नागद्वार रूम और डाइनिंग हॉल में नक्काशीदार फर्नीचर, पीतल का घंटा और बड़ा डाइनिंग टेबल आज भी ब्रिटिश स्टाइल को दर्शाते हैं।
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छात्रों के लिए डॉरमेट्री, कभी था ADC और सचिव का ठिकाना
‘बी बंगला’ और ‘कैम्प हॉल’ को अब डॉरमेट्री में बदल दिया गया है। यहां 40 शयनकक्ष हैं और छात्र-छात्राओं के लिए आवास की सुविधा उपलब्ध है।
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10 एकड़ का फलदार बाग, जहां होती है मीठी लीची
राजभवन से सटा बाग 50 साल पुराने आम के पेड़ों, सेंटरोज लीची, नाशपाती, महुआ और आंवला जैसे फलों से भरा है। यहां की लीची पूरे प्रदेश में सिर्फ पचमढ़ी में ही उगती है।
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आज कैबिनेट से चमकेगा पचमढ़ी का गौरव
राजभवन में होने वाली कैबिनेट मीटिंग राजा भभूत सिंह को समर्पित होगी। यह बैठक संदेश देगी कि सरकार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के कल्याण के लिए भी प्रतिबद्ध है।