500 रुपये के स्टांप पेपर पर ‘समझौता’ भारी पड़ा, महिला सरपंच को गवानी पड़ी कुर्सी

Published : Feb 12, 2025, 11:12 AM IST
MP Mahila Sarpanch

सार

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक अलग ही वाकया सामने आया है। यहां एक सरपंच ने 500 रुपये के स्टांप पेपर पर अधिकार दूसरे को सौंप दिया। ऐसा करने वाली महिला सरपंच कैलाशी बाई कछावा के खिलाफ अब एक्शन ले लिया गया है। जानें पूरा मामला। 

नीमच (भोपाल)। मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां 500 रुपये के स्टांप पेपर पर अपने अधिकार और कर्तव्य सौंपने वाली महिला सरपंच को प्रशासन ने पद से हटा दिया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमन वैष्णव ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की।

स्टांप पेपर पर सरपंच के 'समझौते' से हुआ बड़ा खुलासा 

शिकायत के अनुसार, मनासा जनपद के अंतर्गत दाता पंचायत की सरपंच कैलाशी बाई कछावा ने एक व्यक्ति सुरेश गरासिया को अपने सभी अधिकार और कर्तव्य सौंप दिए थे। प्रशासन को इस मामले की सूचना मिलने पर जांच के आदेश दिए गए। जांच में पाया गया कि सरपंच ने ऑनलाइन स्टांप पेपर खरीदा था और उस पर हस्ताक्षर भी किए थे। इस मामले में प्रशासन ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्रवाई करते हुए कैलाशी बाई कछावा को पद से हटा दिया।

यह भी पढ़ें… दो बच्चों के बाद पति पर पॉक्सो एक्ट में केस, दूसरी डिलेवरी के समय खुला राज

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था सरपंच का समझौता पत्र

24 जनवरी को हुए इस समझौते में कहा गया कि सुरेश गरासिया पंचायत के सभी कार्यों को देखेंगे, जिसमें मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना और वाटरशेड मिशन जैसे कार्य शामिल हैं। दस्तावेज में यह भी उल्लेख था कि सरपंच किसी भी मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगी और केवल गरासिया के निर्देशानुसार ही काम करेंगी इतना ही नहीं, समझौते में यह भी लिखा था कि अगर किसी भी पक्ष ने इसका उल्लंघन किया तो उसे एक तय राशि का जुर्माना भरना होगा। यह अनुबंध दो गवाहों के हस्ताक्षर से प्रमाणित था।

प्रशासन ने सरपंच कैलाशी बाई के खिलाफ लिया कड़ा फैसला 

प्रशासन की जांच में यह मामला सत्य पाया गया, जिसके बाद सरपंच कैलाशी बाई कछावा को पद से हटा दिया गया। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि पंचायती राज अधिनियम के तहत कोई भी सरपंच अपने अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को नहीं सौंप सकता। ह मामला प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अनदेखी का बड़ा उदाहरण बन गया है, जिससे साफ है कि किसी भी सरकारी पद पर रहते हुए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

यह भी पढ़ें… नायब तहसीलदार साहब बन गए पटवारी! कर रहे थे ऐसा काम की उड़ने लगा था विभाग का मजाक

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

MP : पति ने शेयर किया अपने बेडरूम का 13 मिनट का Video, पत्नी बोली-दरिंदा है ये
CCTV फुटेज ने MP पुलिस की साख पर लगाया दाग, बर्बाद करने चले थे बेगुनाह छात्र की जिंदगी