
Heavy Rain Alert MP Districts: मध्य प्रदेश में मानसून का रफ्तार पकड़ना अब तय माना जा रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार सितंबर के पहले 10 दिनों में प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। खासतौर पर इंदौर, जहां अगस्त माह के अंत तक औसत से 25% कम बारिश हुई, अब सितंबर के शुरुआती दिनों में जमकर बादल बरसने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी से सक्रिय हो रहे सिस्टम और मानसून द्रोणिका के कारण प्रदेश में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदलने वाला है। सवाल है कि क्या इस सीजन में इंदौर अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ पाएगा?
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना ऊपरी हवा का चक्रवात मंगलवार तक कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होगा। वहीं, पश्चिमी राजस्थान पर 5.8 किमी की ऊंचाई पर एक ऊपरी हवा का घेरा सक्रिय है। इससे जुड़ी मानसून द्रोणिका गंगानगर, पिलानी, दतिया, रीवा, रांची, दीघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इन सिस्टम्स के कारण मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सितंबर के पहले 10 दिनों में बारिश का दौर तेज रहेगा, इसके बाद धीरे-धीरे बारिश की तीव्रता में कमी आएगी।
इंदौर में इस सीजन में अब तक 627.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है। दिलचस्प बात यह है कि शहर के पश्चिमी हिस्से की तुलना में पूर्वी इलाकों में ज्यादा बारिश हो रही है। उदाहरण के तौर पर सोमवार को रीगल क्षेत्र में 16.75 मिमी बारिश दर्ज हुई, जबकि एयरपोर्ट क्षेत्र में सिर्फ 7.2 मिमी। 1 जून से अब तक रीगल क्षेत्र में 706 मिमी और एयरपोर्ट क्षेत्र में 627.9 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
डेटा के अनुसार पिछले 10 वर्षों में सितंबर में इंदौर में कई बार भारी बारिश दर्ज की गई।
अगस्त तक औसत से 25% कम बारिश वाले इंदौर में सितंबर की यह झमाझम बारिश राहत ला सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पहले 10 दिनों में अनुमानित बारिश हुई तो औसत वर्षा का कोटा न केवल पूरा होगा बल्कि रिकॉर्ड भी टूट सकते हैं। आने वाले दिनों में मौसम का रुख किस ओर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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