
Raja Raghuvanshi Murder Mystery: राजा रघुवंशी मर्डर केस में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद अब नया शक उसकी तरफ नहीं, बल्कि उसके भाई गोविंद रघुवंशी की ओर मुड़ गया है। पुलिस जांच में कई ऐसे सवाल उभरे हैं जो दर्शाते हैं कि गोविंद कोई सेफ गेम तो नहीं खेल रहा?
राजा और सोनम अपने हनीमून के लिए शिलांग रवाना हुए थे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि रिटर्न टिकट बुक ही नहीं किया गया था।
गोविंद को बहन की हर गतिविधि की जानकारी रहती थी। फिर उसने यह बात राजा के परिजनों या पुलिस से क्यों नहीं साझा की? अगर उसे मालूम था कि टिकट नहीं बुक हुआ, तो यह खामोशी कई सवाल खड़े करती है।
राजा की मां ने यह दावा किया कि सोनम ने हनीमून पर शादी में मिले सारे गहने साथ ले लिए थे। यही नहीं, सोनम ने राजा को सोने की चेन पहनने का दबाव भी बनाया। ऐसे में सवाल उठता है – क्या गोविंद को इन गहनों की जानकारी नहीं थी? अगर थी, तो सोनम के लापता होने के बाद उसने यह बात कभी क्यों नहीं उठाई? क्या वह जानबूझकर इन तथ्यों को दबा रहा था?
सोनम के खाते में 15 लाख रुपये से अधिक की राशि थी और उसके पास एटीएम कार्ड भी था। परंतु, सोनम और राजा के लापता होने के दौरान न तो गोविंद ने बैंक स्टेटमेंट की जांच की मांग की, न ही अपनी फर्म के किसी व्यक्ति से जानकारी निकलवाई। ऐसा क्यों? क्या वह किसी सच्चाई से पुलिस का ध्यान भटका रहा था?
गोविंद लगातार राजा के घर जाकर हमदर्दी दिखा रहा है – कभी राजा की मां से मिलकर रो रहा है, कभी तर्पण करने उज्जैन जा रहा है, और यहां तक कि बिना बुलाए तेरहवीं में भी पहुंच गया। अब राजा के परिजनों को गोविंद का यह मेलजोल कृत्रिम और रणनीतिक लगने लगा है। उन्होंने गोविंद के नार्को टेस्ट की मांग भी कर दी है।
कुछ रिपोर्ट्स में यह थ्योरी सामने आई कि राज और सोनम भाई-बहन थे, जिसे गोविंद ने मीडिया में प्रचारित किया। इससे कोर्ट में सोनम के पक्ष में यह बात जा सकती थी कि वह मानसिक रूप से अस्थिर है।लेकिन शिलांग पुलिस ने सोनम की मानसिक जांच करवाई, और रिपोर्ट में वह मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ पाई गई। इससे गोविंद की थ्योरी पूरी तरह फेल हो गई।
अब सवाल यही है कि क्या गोविंद वाकई एक बेबस भाई है, जो अपनी बहन के अपराध से आहत है, या फिर वह एक चालाक शख्स है, जो सब जानता है लेकिन सब कुछ छुपा रहा है? इस केस की हर कड़ी खुलने के साथ गोविंद का रोल और रहस्यमयी होता जा रहा है। अब पुलिस की जांच ही उसकी भूमिका की दिशा और दशा तय करेगी।
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