इस गांव में सात साल से 24 घंटे चल रहा अखंड रामायण पाठ, सामाजिक समरसता का साक्षी बन रहा "पंचेड़"

रतलाम के पंचेड़ गांव में पिछले सात वर्षों से 24 घंटे रामचरित मानस का पाठ वातावरण में गुंजायमान होता रहता है। 130 ग्रामीणों की टीम इस पुण्य कार्य में अपनी भागीदारी कर रही है। उस टीम में समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।

Contributor Asianet | Published : Feb 6, 2023 10:14 AM IST / Updated: Feb 06 2023, 03:46 PM IST

रतलाम। बीते दिनों यूपी के समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के रामचरित मानस पर दिए गए बयान के बाद देश भर में बवाल मचा हुआ है। लखनऊ में रामचरित मानस के कुछ पन्ने जलाने का वीडियो भी वायरल हुआ। इन सबके बीच मध्य प्रदेश के रतलाम जिले का पंचेड़ गांव और वहां के ग्रामीण सामाजिक समरसता की जीती जागती मिसाल बनकर उभरे हैं। पिछले सात वर्षों से गांव में 24 घंटे रामचरित मानस का पाठ वातावरण में गुंजायमान होता रहता है। 130 ग्रामीणों की टीम इस पुण्य कार्य में अपनी भागीदारी कर रही है। ध्यान देने की बात यह है कि उस टीम में समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।

सामाजिक समरसता का साक्षी बन रहा पंचेड़ गांव

कहा जाता है कि आस्था और विश्वास में वह ताकत होती है, जो असंभव को भी संभव बना देती है। पंचेड़ गांव उसी उक्ति का साक्षी बन रहा है। मौजूदा समय में जब ​देश के एक प्रांत में रामचरित मानस के कुछ दोहों को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं पंचेड़ गांव में सभी समाज के लोग श्रद्धा के साथ तुलसीदास कृत रामचरित मानस का वर्षों से अखंड पाठ कर रहे हैं।

1985 से चली आ रही रामायण पाठ की परम्परा

गांव में 24 घंटे रामचरित मानस के दोहे गूंजते रहते हैं। वर्ष 1985 से रामायण पाठ की यह परम्परा चली आ रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस परम्परा में वर्ष 2016 में खास बदलाव हुआ। उस समय आयोजित सिंहस्थ कुम्भ के दौरान ग्रामीणों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि अब पूरे वर्ष गांव में रामायण के अखंड पाठ का पुण्य लिया जाएगा। नतीजतन, तब से लेकर अब तक गांव में रामायण का अखंड पाठ चौबीसों घंटे जारी है।

गांव की सामाजिक एकता संजोए रखना है मकसद

गांव के करीब हर घर के लोग रामचरित मानस के पाठ में शामिल होते हैं। ग्राम सभा में मौजूदा शिव व हनुमान मंदिर परिसर में अखंड रामायण का पाठ निरन्तर चलता रहता है। इसका मकसद ही गांव में सामाजिक एकता संजोए रखना है। अखंड रामायण पाठ के लिए ग्रामीणों ने एक टीम बनायी है। जिसमें 30 लोग शामिल हैं। सभी सदस्य अलग-अलग शिफ्टों में रामचरित मानस का पाठ करते रहते हैं। ज्यादातर ग्रामीणों को रामायण की चौपाइयां और दोहे याद हैं। जिसमें सभी समुदायों के लोग शामिल हैं।

हर वर्ग और जाति के लोग रामायण पाठ की टीम में शामिल

गांव के मुखिया का कहना है कि पिछले सात वर्ष से इस परम्परा को निभाया जा रहा है। शिफ्ट में टीम बनाकर पाठ करने से 24 घंटे रामायण पाठ चलता रहता है और किसी भी व्यक्ति पर इसका ज्यादा भार भी नहीं पड़ता है। उनका यह भी दावा है कि गांव के हर वर्ग और जाति के लोग अखंड रामायण पाठ की टीम में बिना भेदभाव के शामिल हुए हैं।

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