
Shivpuri Shoe Punishment: मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले से एक बेहद शर्मनाक और अकल्पनीय मामला सामने आया है। यहां के बैराड़ कस्बे में एक युवक को सिर पर जूता रखकर माफी मांगने को मजबूर किया गया। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा घटनाक्रम बैराड़ थाने के ठीक सामने हुआ और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जिले में बवाल मच गया। वीडियो में युवक जूता उठाकर सिर पर रखते हुए माफ़ी मांगता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि इस दौरान वहां भाजपा के कुछ नेता भी मौजूद थे, जिससे मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले बैराड़ निवासी एक व्यवसायी के पुत्र और सुल्तान रावत के बेटे कुलदीप के बीच तालाब पर किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। बाद में बात हाथापाई तक पहुंची। इस घटना के बाद दोनों पक्षों में तनाव बना रहा। जब मामले को सुलझाने की बारी आई, तो नेताओं और समाज के जिम्मेदार लोगों की मौजूदगी में ऐसा "न्याय" सुनाया गया जो कानून और मानवता दोनों को शर्मसार कर गया।
विवाद को निपटाने के लिए एक स्थानीय पंचायत बिठाई गई, जिसमें भाजपा नेता सुरेश राठखेड़ा, मंडल महामंत्री पवन गुप्ता और अन्य लोग मौजूद थे। पंचायत ने फैसला सुनाया कि यदि व्यवसायी पुत्र कुलदीप और उसके भाई छोटू का जूता अपने सिर पर रखकर माफी मांगे, तभी विवाद खत्म माना जाएगा। युवक ने आदेश का पालन किया और सरेबाजार अपमानित होकर माफ़ी मांगी।
इस घटना से आहत होकर वैश्य समाज में भारी आक्रोश देखा गया। रविवार को समाज के लोगों ने विधायक देवेंद्र जैन की मौजूदगी में बैठक की और कार्रवाई नहीं होने पर बाजार बंद व आंदोलन की चेतावनी दी। प्रदेश महामंत्री भरत अग्रवाल ने कहा कि यह सिर्फ एक युवक का नहीं, पूरे समाज का अपमान है।
पूर्व मंत्री सुरेश राठखेड़ा ने खुद को इससे अलग करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ विवाद शांत कराया, जूता रखवाने की घटना उनके सामने नहीं हुई। बैराड़ थाने के टीआई रविशंकर कौशल ने भी किसी घटना से अनभिज्ञता जाहिर की। वहीं, कुलदीप के भाई छोटू ने वीडियो को एडिटेड करार देते हुए इसे घर का मामला बताया।
मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था का अपमान है। वहीं, विधायक कैलाश कुशवाह ने भाजपा नेताओं पर ‘तालिबानी मानसिकता’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और थाने की निष्क्रियता को भी आड़े हाथों लिया।
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