न्याय की आस में बीते 5 साल, आखिरकार किसान ने लिखी अपनी आखिरी कहानी-सब रह गए सन्न

Published : Dec 23, 2024, 10:37 AM IST
Farmers are worried

सार

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में सरकारी मुलाजिमों और लोकल दबंगों के गठजोड़ ने एक किसान को जान देने पर विवश कर दिया। वो पिछले पांच साल से अपनी फरियाद लिए टहल रहा था। सुसाइड नोट सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के केशवगढ़ गांव में जमीन विवाद से परेशान एक किसान ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने वाले किसान के पास से एक सुसाइड नोट मिला हैं, जिसमें सरकारी अफसरों समेत 5 लोगों का नाम है। जिनके उत्पीड़न से तंग आकर किसान जान देने को विवश हुआ। सुसाइड नोट सामने आने के बाद से खलबली मच गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

कहां की है घटना  और क्या थी वजह?

टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ थाना अंतर्गत केशवगढ़ गांव निवासी किसान अखिल यादव का जमीन को लेकर एक विवाद चल रहा था। जिसमें न्याय के लिए वो पिछले पांच साल से सरकारी दफ्तरों और सरकारी मुलाजिमों की गणेश परिक्रमा कर रहा था, लेकिन शोरेपुश्तों के आगे उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पा रही थी। जिसकी वजह से वह बहुत परेशान था। उसी परेशानी में उसने फांसी लगाकर जान दे दी।

सुसाइड नोट में इन सरकारी अफसरों पर भी आरोप

आत्महत्या करने से पहले उसने अपने सुसाइड नोट में पांच लोगों के नाम लिखते हुए दबंगों और प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। चौंकाने वाली बात ये है कि जिसमें तहसीलदार, एसडीएम और पुलिसकर्मियों का भी जिक्र किया गया है।

पांच साल से न्याय के लिए संघर्ष 

किसान के परिजनों ने बताया कि अखिल यादव ने पांच साल पहले आधा एकड़ जमीन खरीदी थी, लेकिन गांव के दबंगों ने उस पर कब्जा कर लिया था। ये दबंग राजनीतिक संरक्षण में थे। जमीन वापस पाने के लिए अखिल यादव ने तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर के पास कई बार गुहार लगाई, लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ दिन पहले दबंगों ने जमीन पर लगे पेड़ों को काट डाला। अखिल ने इसकी शिकायत मोहनगढ़ थाने में की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री की सुरक्षा ड्यूटी का बहाना बना दिया।

सुसाइड नोट में दर्द की दास्तां 

मृतक अखिल यादव की जेब से मिले सुसाइड नोट में अधिकारियों और गांव के 5 लोगों पर उसे प्रताड़ित करने और जमीन खाली न करने का आरोप लगाया गया है। उसने पुलिस पर ₹1000 रिश्वत लेने और फिर भी मदद न करने का भी संगीन आरोप लगाया है।

मुख्यमंत्री किसान सम्मेलन के बीच दर्दनाक घटना 

ये घटना ऐसे समय हुई जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जतारा के बेरवार गांव में किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जैसे ही इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन के लोगों को हुई, हड़कंप मच गया। 

पुलिस ने क्या कहा? 

पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों को अब न्याय की उम्मीद है।

 

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