
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार है। देश में सबसे पहले इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने का काम भी मध्यप्रदेश ने ही किया है।
उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन से निपटना और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के लक्ष्यों को पूरा करना प्रदेश की बड़ी प्राथमिकता है।
विश्व ईवी दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोगों से अपील की कि कार्बन उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में सबकी भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन जनसहयोग के जरिए प्रदूषण कम करने का सबसे प्रभावी समाधान हैं।
प्रदेश में जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड बनाया जाएगा। यह बोर्ड अलग-अलग विभागों के बीच तालमेल बैठाने और समस्याओं का हल निकालने का काम करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा उपयोग में आदर्श राज्य बनाया जाए और इस क्षेत्र में उदाहरण पेश किया जाए।
मध्यप्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति में कई प्रोत्साहन दिए गए हैं:
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए आवश्यक कौशल तैयार करने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज और आईटीआई में ईवी संबंधित पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
भारत का लक्ष्य है कि 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल किया जाए। मध्यप्रदेश इस दिशा में देश का अग्रणी राज्य बनने का प्रयास कर रहा है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अनुसार वर्ष 2030 तक:
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं:
9 सितंबर को विश्व ईवी दिवस के मौके पर मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल में ईवी कार्यशाला विद्युत 25 और इलेक्ट्रिक ऑटो एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम जागरूकता बढ़ाने के लिए है।
मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह तैयार है। यहां बैटरी निर्माण सुविधाएं, असेंबली प्लांट और सप्लाई चैन नेटवर्क विकसित करने की संभावनाएं हैं। प्रदेश में पहले से ही अच्छा औद्योगिक वातावरण और सहयोगी संरचनाएं मौजूद हैं।
भारत में हाल ही में लिथियम भंडार मिलने से इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी निर्माण क्षमता में तेजी आएगी। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और पूरे ईवी सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी। इसका बड़ा लाभ मध्यप्रदेश को मिलेगा।
लोगों में ईवी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता भी दिखाई देने लगी है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दो-पहिया वाहन निर्माता है। इलेक्ट्रिक वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर पर आधारित हैं, और इन दोनों क्षेत्रों में मध्यप्रदेश अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। यहां की प्रतिभा, अनुकूल वातावरण और सरकार का समर्थन मिलकर मध्यप्रदेश को एक मजबूत इलेक्ट्रिक वाहन हब बनाएंगे।
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