सिक्के प्रचलन से बाहर नहीं हुए हैं। यह सरकार और रिजर्व बैंक कई बार क्लियर कर चुका है, लेकिन शिरडी साई मंदिर में चढ़ावे के रूप में मिले सिक्के नहीं चल रहे हैं। दरअसल, बैंकों ने अब सिक्कों को लेने से हाथ खींच लिए हैं।
नासिक. सिक्के प्रचलन से बाहर नहीं हुए हैं। यह सरकार और रिजर्व बैंक कई बार क्लियर कर चुका है, लेकिन शिरडी साई मंदिर में चढ़ावे के रूप में मिले सिक्के नहीं चल रहे हैं। दरअसल, बैंकों ने अब सिक्कों को लेने से हाथ खींच लिए हैं। इसकी वजह, उनके पास बोरियों भर-भर सिक्कों को रखने के लिए जगह नहीं है। यह अलग बात है कि मामला रिजर्व बैंक तक जा पहुंचा है।
प्रसिद्ध शिरडी मंदिर का श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट (SSST) इस समय चढ़ावे के सिक्कों को लेकर परेशान है। राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों, जहां मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट्स हैं, ने ट्रस्ट से सिक्के लेने से इनकार कर दिया है क्योंकि अब उनके पास सिक्के रखन की जगह नहीं बची है। कहा जाता है कि श्री साईंबाबा ट्रस्ट के 13 अलग-अलग सरकारी बैंकों की ब्रांच में खाते हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर शिरडी में ही हैं, एक ब्रांच नासिक में है।
इन 13 बैंकों में से चार राज्यों के बैंकों ने अब जगह की समस्या के कारण दान के रूप में प्राप्त होने वाले और सिक्के लेने से इनकार कर दिया है। शिरडी साईंबाबा ट्रस्ट को सिक्कों के रूप में लाखों रुपये का दान मिलता है।
वर्तमान में, ट्रस्ट के पास सिक्कों के रूप में विभिन्न बैंकों में लगभग 11 करोड़ रुपये जमा हैं। इस बीच, ट्रस्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है, क्योंकि मंदिर में दान का एक बड़ा हिस्सा सिक्कों में है।
ट्रस्ट के सीईओ राहुल जाधव ने कहा-"इन चारों बैंकों के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास रोजाना मिलने वाले सिक्कों को रखने के लिए जगह नहीं है। यह ट्रस्ट के लिए एक बड़ी समस्या है। इसके साथ ही, हमने अपनी मदद के लिए अहमदनगर जिले के अन्य हिस्सों के साथ-साथ राज्य में भी बैंकों से संपर्क करने का फैसला किया है। हम ऐसे बैंकों में ट्रस्ट के खाते खोलेंगे, ताकि वहां सिक्के जमा किए जा सकें।"
जहां तक दान की बात है, शिरडी साईंबाबा मंदिर में सिक्कों के रूप में मंथली कलेक्शन- 50 पैसे से लेकर 10 रुपये मूल्यवर्ग तक 28 लाख रुपये के करीब है।
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