
डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को धीरे-धीरे हटाने की संभावना तलाशने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दिया है। कोर्ट ने कहा कि शहर में हवा की गुणवत्ता खराब होने का एक मुख्य कारण ऐसे वाहन हैं। यह आदेश 2023 में हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान में लिए गए जनहित याचिका पर दिया गया, जो शहर के खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) से संबंधित है।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने सरकार को दो हफ्तों के भीतर विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों की एक समिति बनाने का निर्देश दिया। इस समिति को मुंबई की सड़कों से डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को धीरे-धीरे हटाकर केवल सीएनजी या बिजली से चलने वाले वाहनों को ही परमिट देने की संभावना पर विचार करना है।
“मुंबई महानगर क्षेत्र की सड़कें वाहनों से भरी पड़ी हैं। सड़कों पर वाहनों का घनत्व भयावह है, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है और इसे कम करने के लिए किए गए सभी उपाय अपर्याप्त साबित हो रहे हैं,” कोर्ट ने कहा।
कोर्ट ने डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को धीरे-धीरे हटाने की उपयुक्तता और व्यावहारिकता पर व्यापक अध्ययन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। खंडपीठ ने कहा कि सरकार द्वारा गठित समिति तीन महीने के भीतर अध्ययन पूरा करके रिपोर्ट पेश करेगी।
इस बीच, पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने मुंबई में प्रदूषण को रोकने के लिए डीजल वाहनों को धीरे-धीरे हटाने के बॉम्बे हाईकोर्ट के हालिया सुझाव का स्वागत किया है। बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर ने नागरिकों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और परिवहन विशेषज्ञों में गंभीर चिंता पैदा कर दी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 और 180 के बीच बढ़ने पर, शहर निर्माण गतिविधियों और वाहनों के उत्सर्जन से होने वाले प्रदूषण की चपेट में है।
प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे नई निर्माण परियोजनाओं को रोकना और इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली जैसे प्रदूषण के स्तर को मुंबई में आने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में 15 साल से पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने की नीति लागू करने का आदेश दिया था। उन्होंने राज्य परिवहन विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित एक बैठक में यह आदेश दिया, जिसमें उन्होंने परिवहन, बंदरगाह और राज्य हवाई अड्डा प्राधिकरण विभागों की अगले 100 दिनों की कार्य योजना की समीक्षा की।
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