मुंबई. त्योहारों के दौरान इस्तेमाल होने वाले डीजे साउंड और लेजर लाइटिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर यह गणेशोत्सव के लिए हानिकारक है, तो यह ईद मिलाद के लिए भी हानिकारक होगा। कोर्ट ने जनहित याचिका पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की याचिका दायर करने से पहले इस बारे में अध्ययन किया जाना चाहिए।
चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने मुख्य रूप से ईद मिलाद जुलूस के दौरान इस्तेमाल होने वाले डीजे साउंड और लेजर लाइटिंग से मानव स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान का हवाला दिया था। याचिका में कहा गया था कि इस्लाम के कुरान और हदीस में डीजे और लेजर के इस्तेमाल का कोई जिक्र नहीं है। इसलिए इन हानिकारक चीजों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया जाए।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर गणेशोत्सव के लिए डीजे साउंड और लेजर लाइटिंग का इस्तेमाल हानिकारक है, तो यह ईद मिलाद जुलूस के लिए भी हानिकारक होगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ओवैस पेचकर ने गणेशोत्सव के दौरान इस्तेमाल होने वाले अत्यधिक ध्वनि पर रोक लगाने के आदेश का हवाला दिया। इस पर पीठ ने महत्वपूर्ण सवाल उठाए।
पीठ ने कहा कि आपने याचिका में लेजर लाइटिंग को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया है। इसका क्या आधार है? क्या आपके पास कोई उदाहरण है? याचिका दायर करने से पहले इस बारे में अध्ययन किया जाना चाहिए था। इसके बाद इस तरह की लाइटिंग से होने वाले प्रभावों की जानकारी सबूतों के साथ देनी चाहिए थी। कोर्ट में बैठे लोग हर चीज के जानकार नहीं होते हैं। लेकिन बिना किसी अध्ययन के इस तरह की याचिकाएं दायर करने का चलन बढ़ता जा रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाओं के आधार पर सार्वजनिक त्योहारों पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।