मुंबई, महाराष्ट्र न्यूज। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के विक्रोली में स्थित मस्जिद मोहम्मदिया में बीते शुक्रवार को एक बेहद ही अलग नजारा देखने को मिला, जब 50 से ज्यादा संख्या में गैर मुस्लिमों को बुलाया गया। उन्हें इसलिए बुलाया गया था क्योंकि इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों ने ईद-ए-मिलाद के जुलूस को लेकर चर्चा करने के लिए न्योता दिया था। सभा का नेतृत्व मदरसा और मस्जिद मोहम्मदिया के महासचिव खुर्शीद सिद्दीकी ने की। जहां उन्होंने गैर-मुसलमानों को अपने धर्म के बारे में जरूरी जानकारी दी। जैसे इस्लाम में क्या किया जाता है। इस दौरान लगभग 1 घंटे तक बैठक का दौर चला।
मस्जिद मोहम्मदिया में बैठक के दौरान खुर्शीद सिद्दीकी ने कहा कि ऊपर वाले के घर में ताला-चाबी नहीं होनी चाहिए। इसे हर इंसान के लिए खोल कर रखना चाहिए। हमने आज जिसको यहां बुलाया है। उन्हें पता होना चाहिए की मस्जिद में आखिर क्या काम होता है। इसे लेकर जो लोगों के बीच में गलतफहमी फैलाई गई है। उसे दूर करना हमारा मुख्य काम है। हमारे मस्जिदों में मुसलमानों के लिए कुर्सियां नहीं रखी जाती है। न ही उन्हें बैठने दिया जाता है। हम सिर्फ अन्य धर्मों के लिए लोगों के लिए कुर्सी का इंतजाम करते हैं और उन्हें बिठाते हैं।
ईद-ए-मिलाद को लेकर महाराष्ट्र सरकार का फैसला
शाम के वक्त जब हिंदुओं को मस्जिद बुलाया गया तो उस वक्त उन्हें दूसरे कमरे में ले जाकर बिठाया गया। दूसरी तरह मुस्लिम लोग नमाज अदा कर रहे थे। उस मौके पर इमाम मुफ्ती मोहम्मद शारफे आलम कासमी ने कहा मस्जिद में हिंदू लोगों बुलाने का मकसद यही था कि उन्हें पता चले की यहां क्या काम होता है। वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को ही इस्लाम के पर्व ईद-ए-मिलाद की छुट्टी को महाराष्ट्र सरकार ने 16 सितंबर से 18 सितंबर तक कर दिया है। ये फैसला उन्होंने गणेश उत्सव के आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी की वजह से लिया है। ये ऐलान तब किया गया जब महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नसीम खान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। बता दें कि पिछले साल भी जुलूस की डेट को बढ़ाया गया था।
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