
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में मुस्लिम श्रद्धालुओं द्वारा नमाज़ पढ़ी गई जगह को 'शुद्ध' करने के लिए एक सांसद की तीखी आलोचना हो रही है। बीजेपी सांसद ने बाजीराव प्रथम द्वारा बनवाए गए ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा किले में उस जगह को गोमूत्र से साफ किया, जहां मुस्लिम महिलाओं ने नमाज़ पढ़ी थी। इस विवादित कार्रवाई के पीछे राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी हैं। कुछ दिन पहले पुणे शहर में नवरात्रि उत्सव रुकवाने के बाद यह उनका अगला विवादित कदम है। बीजेपी सांसद की यह विवादित कार्रवाई रविवार को हुई। मेधा कुलकर्णी ने कट्टर दक्षिणपंथी पार्टियों के समर्थन से शनिवार वाड़ा किले के उस हिस्से को 'शुद्ध' किया। एनसीपी नेता अजित पवार, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मेधा कुलकर्णी के इस कदम की निंदा की है। ऐसी आलोचना हो रही है कि मेधा कुलकर्णी का यह कदम स्थानीय चुनावों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के उद्देश्य से है।
पतित पावन संगठन और कट्टर दक्षिणपंथी संगठनों ने मिलकर विरोध मार्च निकाला था। शुक्रवार से एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें शनिवार वाड़ा किले में कुछ मुस्लिम पर्यटक नमाज़ पढ़ रहे थे। राज्यसभा सांसद ने इसी जगह को गोमूत्र से धोया। इसके बाद, मेधा कुलकर्णी उस जगह पर 'शिव वंदना' करके वापस लौट गईं। सांसद ने यह विवादित कदम सोशल मीडिया पर यह प्रचार करने के बाद उठाया कि शनिवार वाड़ा किले में नमाज़ की इजाज़त नहीं दी जाएगी। उन्होंने 'जागो हिंदू भक्तों, शनिवार वाड़ा आओ' जैसे ट्वीट करने के बाद किले का दौरा किया।
सांसद ने अपने इस विवादित कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह 'शुद्धिकरण' पुणे में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए किया गया था। मेधा कुलकर्णी ने कहा कि किला कोई मस्जिद नहीं है, बल्कि यह पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतीकों में से एक है। आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या ताजमहल के अंदर मस्जिद में हिंदू भक्तों को आरती करने की इजाज़त दी जाएगी। एनसीपी समेत कई पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि सांसद के ये प्रयास स्थानीय चुनावों को ध्यान में रखकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश है।
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