
Mumbai Auto Driver Murder: मुंबई के छत्रपति संभाजीनगर में बुधवार को हुई यह घटना सुनकर कोई भी दंग रह जाएगा। सैयद इमरान शफीक, जो अपने दो नाबालिग बच्चों के साथ बाहर गए थे, अचानक पांच-छह हमलावरों के निशाने पर आ गए। ये हमलावर कथित तौर पर पुराने व्यापारिक विवाद के चलते उनके खिलाफ आए। बच्चे अपनी आंखों के सामने अपने पिता की सुरक्षा के लिए छीन-झपटी और मारपीट देख रहे थे।
सिल्क मिल कॉलोनी इलाके में एक कार ने शफीक का ऑटो रोक लिया। कार से उतरकर लगभग छह लोग उन्हें और उनके बच्चों को घसीटकर सड़क पर ले गए। बच्चे दहशत में चिल्ला रहे थे, लेकिन हमलावरों ने रुके बिना उनका पिता पर हमला किया। इस क्रूर हमले में शफीक की उंगलियां काट दी गईं, कलाई पर चाकू से वार किए गए और सिर व गर्दन पर कई बार वार किया गया।
हमलावरों ने उसे एक फुटओवर ब्रिज के नीचे छोड़ दिया, जहां शफीक की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, हत्या के पीछे गैस कारोबार से जुड़ी पुरानी रंजिश हो सकती है। नौ घंटे के अंदर पुलिस ने मुख्य संदिग्ध मुजीब डॉन और उसके रिश्तेदार सद्दाम हुसैन मोइनुद्दीन तथा शेख इरफान शेख सुलेमान को गिरफ्तार कर लिया।
छोटे बच्चों के सामने क्रूरता दिखाकर हमलावरों ने डर और दहशत फैलाना चाहा। पुलिस जांच में पता चला कि इस वारदात में शामिल लोग पहले से ही कई अपराधों में संलिप्त हैं।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर तीनों संदिग्धों को गिरफ्तार किया, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बच्चों के मानसिक आघात को कम कर पाएगा। शारीरिक चोटें तो ठीक हो सकती हैं, लेकिन बच्चों पर मानसिक प्रभाव लंबे समय तक रहेगा।
ऐसी हिंसक घटनाओं के बाद परिवारों को जागरूक रहना बहुत जरूरी है। बच्चों को अकेले बाहर भेजने से पहले सुरक्षा की बातें समझाना, संदिग्ध व्यवहार पर निगरानी रखना और पुलिस के साथ संपर्क में रहना बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापारिक और व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ी हिंसा सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं है। छोटे विवाद बड़े अपराध में बदल सकते हैं।
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