महाराष्ट्र के रायगढ़ में लैंडस्लाइड: गांववालों को 8 साल पहले कैसे पता चल गया था कि भविष्य में ऐसा कुछ होगा?

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरसलवाड़ी गांव में 20 जुलाई को भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में 22 लोगों की मौत और कइयों के घायल होने ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है।

 

रायगढ़. महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरसलवाड़ी गांव में 20 जुलाई को भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में 22 लोगों की मौत और कइयों के घायल होने ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। इस हादसे में जिंदा बचे 63 वर्षीय अमलू चंगू पारधी ने खुलासा किया कि उन्होंने 2015 में रायगढ़ कलेक्टर को संभावित खतरे से आगाह किया था, लेकिन उन्होंने नजअंदाज कर दिया।

महाराष्ट्र के रायगढ़ में लैंडस्लाइड हादसा, पढ़िए चौंकाने वाला खुलासा

Latest Videos

रायगढ़ हादसे में अमलू चंगू पारधी अपने छोटे बेटे और परिवार के साथ बच गए थे। हालांकि उके पोते-पोतियों सहित परिवार के पांच सदस्य और सारी संपत्ति खाने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलकता है। वे कहते हैं कि उन्होंने 2015 में रायगढ़ जिला कलेक्टर को एक पत्र भेजा था, जिस नजरअंदाज कर दिया गया और अब हम इसका परिणाम भुगत रहे हैं।( फाेटो-हादसे में मारे गए अमलू चंगू का परिवार)

इरसलवाड़ी गांव की ओर से लिखे गए 2015 के पत्र में जुलाई 2014 में पुण के भीमाशंकर के मालिन में हुए भूस्खलन जैसे संभावित खतरे की चेतावनी दी गई थी। गांववालों ने प्रशासन से उन्हें सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया था। उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया गया, नतीजा 2023 में यह आशंका सच साबित हुई।

रायगढ़ लैंडस्लाइड हादसा की भविष्यवाणी

मल्लू निरगुड़ा, आदिवासी अधिकार संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमलू चंगू पारधी और रायगढ़ आदिवासी अधिकार संघर्ष समिति के संस्थापक अध्यक्ष मल्लू निरगुड़ा ने कहा कि आदिवासियों के सामने समस्या इसलिए है, क्योंकि राज्य सरकार ने 2014 में जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) को बर्खास्त कर दिया था, जो कि तहसीलदार और जिला कलेक्टर के नेतृत्व वाली संस्था थी। जिसे आदिवासियों के कल्याण पर ध्यान देना था, लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक यह समिति निष्क्रिय अवस्था में है।

रायगढ़ के इरसलवाड़ी में भूस्खलन की भविष्यवाणी

इरसलवाड़ी गांववालों की तरफ से 2015 में रायगढ़ कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा गया था कि इरसलवाड़ी चौक ग्राम पंचायत के अंतर्गत है, जो तलहटी में 10 किमी या उससे अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। यह भूस्खलन की स्थिति के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। 30 जुलाई 2014 को भीमाशंकर के पास मालिन गांव में हुआ भूस्खलन से 151 लोग और 300 पशुधन मारे गए थे। उन्हं डर है कि ऐसी ही घटना इरसलवाडी में भी हो सकती है। इसलिए, बच्चों की शिक्षा, आवास और आजीविका सहित इरसलवाड़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों को मौजूदा स्थान से हटा दें।

एक जिला राजस्व अधिकारी स्वीकार करते हैं कि उन्हें 2015 के पत्र की जानकारी थी लेकिन पुष्टि करते हैं कि समय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पनवेल के वर्तमान सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, दत्ताराय नवाले ने कहा, "मैंने 2019 में कार्यभार संभाला और इसलिए 2015 के इस विशेष पत्र से अनजान हूं।"

यह भी पढ़ें

लोग टूट जाते हैं घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में, नूंह हिंसा की 12 शर्मनाक तस्वीरें

समृद्धि एक्सप्रेस हाईवे हादसे की 12 शॉकिंग तस्वीरें, जब 100 फीट की ऊंचाई से टूटकर गिरी मौत की मशीन

 

Share this article
click me!

Latest Videos

PM Modi Guyana Visit: 'नेताओं का चैंपियन'... मोदी को मिला गुयाना और डोमिनिका का सर्वोच्च सम्मान
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
महाराष्ट्र-झारखंड में किसकी बनेगी सरकार, चौंका रहे एग्जिट पोल। Maharashtra Jharkhand Exit Poll
UP By Election: Meerapur ककरौली SHO ने Muslim महिलाओं पर तान दी पिस्टल। Viral Video। Akhilesh Yadav