लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। इसके साथ ही अभिनेता सलमान खान भी उनकी हिटलिस्ट में शामिल हैं। जानिए कैसे यह गिरोह दाऊद इब्राहिम के नक्शेकदम पर चल रहा है।
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने इससे पहले सलमान खान को भी निशाना बनाया था, जब अप्रैल में गैलेक्सी अपार्टमेंट में उनके घर पर गोलियां चलाई गई थीं। दर्जनों आपराधिक मामलों का सामना कर रहा लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात की जेल में बंद हैं, लेकिन उसका गैंग कारोबारियों को फिरौती के लिए कॉल करने को लेकर सुर्खियों में रहता है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के टारगेट लिस्ट में है अभिनेता सलमान खान
सलमान खान 1998 में अपने कुख्यात मामले को लेकर उसकी "टारगेट लिस्ट" में रहे हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद एक पोस्ट में शुब्बू लोनकर महाराष्ट्र नाम के एक फेसबुक अकाउंट ने हत्या की जिम्मेदारी ली और चेतावनी दी कि "जो कोई भी सलमान खान की मदद करेगा" उसका भी यही हश्र होगा। बिश्नोई गिरोह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्याओं के लिए पहले से ही बदनाम है।
मुंबई पुलिस के पास लॉरेंस बिश्नोई की हिरासत क्यों नहीं है?
लॉरेंस बिश्नोई अगस्त 2025 तक यानि अभी एक साल तक गुजरात के गांधी नगर स्थित साबरमती जेल में रहेगा। उससे केवल साबरमती जेल के अंदर ही पूछताछ की जा सकती है। बिश्नोई अगस्त 2023 से साबरमती जेल में बंद हैं। पिछले साल गृह मंत्रालय ने धारा 268 सीआरपीसी (राज्य सरकार को यह निर्देश देने की अनुमति देता है कि जेल से जेल में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा) लागू की थी, जिससे बिश्नोई की आवाजाही पर रोक लगी थी। यह अगस्त तक प्रभावी थी। धारा 268 CRPC को धारा 303 BNSS द्वारा बदल दिया गया है और यह अगस्त 2025 तक लागू रहेगी। इसका मतलब है कि लॉरेंस बिश्नोई को साबरमती जेल से नहीं हटाया जाएगा और किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी को उससे अहमदाबाद जेल के अंदर ही पूछताछ करनी होगी।
दाऊद की राह पर चल रहा बिश्नोई गैंग
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या से जुड़ा लॉरेंस बिश्नोई गैंग अभूतपूर्व तरीके से फैल रहा है, ठीक वैसे ही जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम ने अपना नेटवर्क बनाया था। कथित तौर पर इस कुख्यात गिरोह में 700 से ज़्यादा शूटर हैं, जिनमें से 300 पंजाब से जुड़े हैं।
NIA ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत 16 गैंगस्टरों पर लगाया है UAPA
NIA ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत 16 गैंगस्टरों पर सख्त UAPA कानून के तहत आरोप लगाए हैं। NIA ने अपने आरोपपत्र में कहा कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ठीक वैसे ही काम करता है जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम की D-कंपनी ने अपना नेटवर्क बनाया था।
D-कंपनी की तरह नेटवर्क फैला रहा बिश्नोई गैंग
दाऊद इब्राहिम ने छोटे-मोटे अपराधों से शुरुआत की, लेकिन जल्द ही उसने ड्रग तस्करी, टारगेटेड मर्डर, जबरन वसूली जैसे रैकेट के ज़रिए अपने नेटवर्क का विस्तार किया और बाद में डी-कंपनी बनाई। इसी तरह बिश्नोई गैंग ने भी छोटे-मोटे अपराधों से शुरुआत की और अब यह उत्तर भारत में सबसे ज़्यादा खौफ़नाक गिरोहों में से एक है। इंडिया टुडे के अनुसार 2020-21 तक बिश्नोई गिरोह ने जबरन वसूली के ज़रिए करोड़ों रुपये कमाए, जिन्हें हवाला चैनलों के ज़रिए विदेश भेजा गया।
लॉरेंस बिश्नोई की हिटलिस्ट में काॅमेडियन मुनव्वर फारुकी
कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की हिटलिस्ट में थे और सितंबर में एक हिटमैन ने उनका पीछा भी किया था। सूत्रों के अनुसार हमले से पहले खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट की मदद से कॉमेडियन को बचा लिया गया और मुंबई ले जाया गया। सूत्रों के मुताबिक सितंबर महीने में मुनव्वर फारुकी को दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल होना था, जिसके लिए वह मुंबई से फ्लाइट ले रहे थे। उसी फ्लाइट में लॉरेंस बिश्नोई के दो गुर्गे भी मुनव्वर का पीछा कर रहे थे। कथित तौर पर उन्होंने उसी होटल में कमरे भी बुक किए थे, जहां फारुकी दिल्ली में ठहरने की योजना बना रहे थे।
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