महाराष्ट्र में महायुति प्रचंड जीत की तरफ बढ़ रही है। राज्य में विकास, स्थिरता, किसान और महिलाओं के लिए लाई गई योजनाओं ने किया कमाल। जानिए महायुति गठबंधन की जीत की 10 सबसे बड़ी वजहें क्या रहीं।
Maharashtra assembly elections 2024 results: महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग चल रही है। रुझानों में महायुति (MU) 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त के साथ प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है, जबकि महाविकास अघाड़ी (MVA) 56 सीटों पर ही आगे चल रही है। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन (बीजेपी-शिवसेना शिंदे गुट-एनसीपी अजित पवार गुट) की जीत के 10 सबसे बड़े कारण आखिर क्या रहे, जानते हैं।
महायुति को विकासात्मक कार्यों का श्रेय मिला। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य में सड़क, शहर, बुनियादी ढांचा और औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्य हुए, जबकि महाविकास अघाड़ी आरोप लगाने में ही लगी रही।
महाराष्ट्र में बीजेपी की ताकत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता भी अहम रही। मोदी के नेतृत्व में लोगों में सकारात्मक संदेश गया, जबकि महाविकास अघाड़ी में एक खास चेहरे की कमी दिखी।
2022 में शिवसेना-एकनाथ शिंदे गुट ने पार्टी की दिशा बदल दी और यहीं से वे शिवसेना-बीजेपी बन गए। इसके साथ ही महायुति के लिए एक महत्वपूर्ण आधार तैयार हो गया।
केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, कृषि विकास योजना और रोजगार निर्माण योजना से राज्य के नागरिक लाभान्वित हुए। महायुति को इसका फायदा और MVA को नुकसान हुआ।
महाराष्ट्र में विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और NCP के पास एकतरफा ताकत नहीं दिखी। इनके अंदर की असहमति और टकराव का फायदा महायुति को साफतौर पर मिला।
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के 'सुशासन' और 'विकास' से लोगों को राहत मिली। पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से लोगों को फायदा हुआ।
महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र में लाई गई योजनाओं जैसे फसल बीमा योजना, किसानों को सब्सिडी और सिंचाई सुविधाओं का लाभ जनता को मिला। वहीं, महाविकास अघाड़ी आरोप-प्रत्यारोप तक ही सीमित रही।
चुनाव से पहले महायुति सरकार द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री- माझी लाडकी बहिण योजना 'गेमचेंजर' बनी। इस योजना ने महाविकास अघाड़ी को चारों खाने चित कर दिया।
योगी आदित्यनाथ के नारे बंटोगे तो कटोगे का असर कहीं न कहीं महाराष्ट्र पर भी दिखा। हिंदुओं को एक करने वाले इस दृष्टिकोण ने राष्ट्रवादी और शहरी मतदाताओं को अपनी ओर खींचा।
महायुति सरकार ने राज्य में स्थिरता कायम रखी। प्रशासन में पारदर्शिता, सरकारी योजनाओं और विभिन्न नवाचारों के चलते वोटर्स ने एक बार फिर सरकार पर भरोसा जताने का फैसला किया।
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