शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद अरविंद सावंत पर शाइना एनसी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। शाइना ने सावंत के "इम्पोर्टेड माल" वाले बयान पर आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly election) हो रहे हैं। इस बीच शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत अपने बिगड़े बोल के चलते विवाद में फंस गए हैं। उन्होंने शिवसेना (शिंदे गुट) नेता शाइना एनसी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बात कही है।
शाइना एनसी ने अरविंद सावंत के खिलाफ शिकायत की है। पुलिस ने अरविंद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। शाइना ने अपनी शिकायत में अरविंद के बयान को "एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला" कहा है। दरअसल, अरविंद सावंत ने शाइना को 'इम्पोर्टेड माल' कहा था। इसपर शाइना ने कहा कि मैं तुम्हारी माल नहीं हूं।
शाइना एनसी पहले भाजपा में थीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा छोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गईं। मीडिया से बातचीत के दौरान शाइना के बारे में दो दिन पहले अरविंद सावंत ने वो बयान दिया था, जिससे विवाद शुरू हो गया। अरविंद ने कहा, "उनकी हालत देखो न भइया, जिन्दगी भर भाजपा में रहीं। अब दूसरी पार्टी में गईं। इम्पोर्टेड नहीं चलता यहां। इम्पोर्टेड माल नहीं चलता हमारे यहां। हमारे यहां ओरिजिनल माल चलता है। हमारा माल ओरिजिनल है।"
सावंत के बयान के खिलाफ शाइना एनसी ने नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने इस मामले में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने सवाल किया, "अरविंद सावंत मुझे पहले भी चुनाव प्रचार के लिए साथ ले गए थे और अब मैं 'इम्पोर्टेड माल' हूं?। मैं तुम्हारी माल नहीं हूं। मैं नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने जा रही हूं।"
शाइना की शिकायत के आधार पर सावंत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने से संबंधित) और 356 (2) (किसी व्यक्ति की मानहानि करने से संबंधित) के तहत मामला दर्ज किया गया।
शाइना ने कहा, "एक महिला को वस्तु के रूप में क्यों पेश किया जा रहा है? उनके बगल में मौजूद अमीन पटेल (मुंबादेवी से कांग्रेस उम्मीदवार) मुस्कुरा रहे हैं। एक महिला की गरिमा का हनन क्यों किया जा रहा है? इससे अरविंद सावंत और उनकी पार्टी की मानसिकता का पता चलता है। क्या वह मुंबादेवी की हर महिला को 'माल' के रूप में देखते हैं? वह महिलाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाते हैं।"
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