धरा का धरा रह गया BJP का विरोध...चुनावी रण में उतरे नवाब मलिक...NCP बनी खेवनहार

Published : Oct 29, 2024, 05:47 PM IST
Nawab Malik filed nomination in Maharashtra Assembly Elections 2024

सार

मुंबई में नवाब मलिक ने एनसीपी के नेता के रूप में मानखुर्द शिवाजी नगर से नामांकन पत्र दाखिल किया। उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आज़मी से होगा।

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के लिए एक शर्मिंदगी की स्थिति तब उत्पन्न हो गई, जब विरोध के बावजूद NCP के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने मंगलवार को मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। मलिक का मुकाबला समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी से होगा, जो पहले तीन बार विधायक रह चुके हैं।

नवाब मलिक की बेटी भी लड़ रही है चुनाव

एनसीपी ने मलिक की बेटी सना मलिक को भी टिकट दिया है, जो अणुशक्ति नगर सीट से शरद पवार-एनसीपी के फहद अहमद के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी, जो अभिनेता-कार्यकर्ता स्वरा भास्कर के पति हैं। मलिक ने नामांकन के दौरान 2 पर्चे भरे - एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में और दूसरा एनसीपी के एबी फॉर्म के साथ।

नवाब मलिक ने अजीत पवार का जताया आभार

इस दौरान नवाब मलिक ने कहा, "मैं उपमुख्यमंत्री और NCP अध्यक्ष अजीत पवार, एनसीपी कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और एनसीपी महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे का आभारी हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार हम मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र जीतेंगे।"

डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किया था विरोध

भाजपा, खासकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार, नवाब मलिक को नामित करने के खिलाफ थे, क्योंकि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) का मामला और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोगों के साथ कथित संपत्ति सौदेबाजी के आरोप हैं। फडणवीस ने इस घटनाक्रम पर कमेंट करते हुए कहा, "मुझे इसकी जानकारी नहीं है...मैं इसकी जांच करूंगा और हमारे प्रवक्ता उचित जवाब देंगे।"

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लाॅन्ड्रिंग केस में जमानत पर है नवाब मलिक

गौरतलब है कि मलिक (65) को 23 फरवरी, 2022 को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था, जो पाकिस्तान स्थित अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित था। ईडी के आरोपों के अनुसार, मलिक ने कुर्ला में गोवावाला बिल्डिंग खरीदी थी, जिसकी पावर ऑफ अटॉर्नी सरदार शाह वली खान के नाम पर थी, जो 1993 के बम विस्फोट मामले में जेल की सजा काट रहा है। 11 अगस्त 2023 को, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत दी और तीन दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई। वर्तमान में मलिक सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर हैं।

 

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