UPS लागू करने वाला पहला राज्य बना महाराष्ट्र, जानें क्या हैं इसके फायदे?

महाराष्ट्र UPS लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। इस योजना से सरकारी कर्मचारियों को पिछले 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। मार्च से लागू होने वाली इस योजना का लाभ राज्य के सभी कर्मचारियों को मिलेगा।

मुंबई। महाराष्ट्र UPS (Unified Pension Scheme) लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इससे सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा। शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने UPS को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत कर्मचारी के पिछले 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा। 2004 और उसके बाद नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए मुद्रास्फीति समायोजन और अन्य रियायतें भी दी जाएंगी।

केंद्र सरकार द्वारा नई पेंशन योजना लाए जाने के बाद कर्मचारी संगठनों ने मांग की थी कि राज्य सरकारें भी इसे अपने यहां लागू करें। महाराष्ट्र सरकार ने इसपर तेजी से काम किया। महाराष्ट्र कैबिनेट के फैसले के अनुसार UPS इस साल मार्च से प्रभावी होगा। इसका फायदा राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को मिलेगा। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल इस साल नवंबर में समाप्त हो रहा है। चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं।

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कैबिनेट ने नार-पार-गिराना नदी जोड़ो योजना को मंजूरी दी

सीएम एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र में अधिक किसानों तक लगातार बिजली आपूर्ति योजना का विस्तार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। किसानों के लिए दिन में बिजली सप्लाई की जाएगी। कैबिनेट ने 7,000 करोड़ रुपए की नार-पार-गिराना नदी जोड़ो योजना को मंजूरी दी है। इससे मुख्य रूप से नासिक और जलगांव जैसे उत्तरी महाराष्ट्र के जिलों को लाभ मिलेगा। महाराष्ट्र सरकार ठाणे जिले में एक महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए महात्मा फुले अक्षय ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड के तहत 5000 करोड़ रुपए जुटाएगी।

क्या है UPS?

UPS (Unified Pension Scheme) नई पेंशन योजना है। केंद्र सरकार के कर्मचारी के पास अब NPS (National Pension Scheme) में बने रहने या UPS चुनने का विकल्प है। राज्य सरकारों के पास विकल्प है कि वे UPS को अपना सकें।

UPS के तहत कम से कम 25 साल नौकरी करने वाले कर्मचारियों को रिटायर होने से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन के कम से कम 50% के बराबर पेंशन मिलेगी। अगर किसी पेंशनभोगी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को पेंशन राशि का 60% मिलेगा। 10 साल के बाद नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों को कम से कम 10,000 रुपए की पेंशन मिलेगी।

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