
मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा और NCP के बीच एनसीपी के नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर टकराव बना हुआ है, क्योंकि उनके अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से संबंध हैं। भाजपा ने उनके नामांकन को खारिज कर दिया है, जबकि एनसीपी उनका पूरा समर्थन कर रही है।
महाराष्ट्र का राजनीतिक क्षेत्र उबल रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच अणुशक्ति नगर के विधायक नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। बुधवार को मुंबई में एक सम्मेलन में भाग लेते हुए, एनसीपी प्रमुख अजीत पवार ने महायुति के दो घटक दलों के बीच मतभेद की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोज लेंगे।
एक तरफ भाजपा ने कहा कि वह महायुति से नवाब मलिक की उम्मीदवारी को स्वीकार नहीं करेगी, वहीं दूसरी तरफ अजीत पवार उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। दरअसल अजित पवार ने एक कदम आगे बढ़कर इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अणुशक्ति नगर निर्वाचन क्षेत्र से नवाब मलिक की बेटी सना को मैदान में उतारा है। नवाब मलिक को मनखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है। हालांकि नवाब मायक ने भी निर्दलीय के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक उन्हें दोनों में से किसी एक नामांकन को वापस लेना होगा।
मनखुर्द शिवाजी नगर 15 साल से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अबू आजमी का गढ़ रहा है। नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर विवाद ऐसे समय में हुआ है, जब भाजपा ने महायुति के आधिकारिक उम्मीदवार के तौर पर शिवसेना के सुरेश कृष्ण पाटिल को अपना समर्थन दिया है। भाजपा के मुंबई प्रमुख आशीष शेलार ने यहां तक घोषणा की है कि पार्टी मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी, भले ही वह NCP के उम्मीदवार हों।
महायुति में नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधों को लेकर भाजपा उनके खिलाफ है। मलिक दाऊद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल बेल पर बाहर हैं। फरवरी 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह नवाब मलिक मामले में भाजपा पर दबाव डाल रहे हैं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि महायुति में दबाव की कोई रणनीति शामिल नहीं है। उन्होंने कहा, "हम इसका कोई रास्ता निकाल लेंगे।" हालांकि, उन्होंने इस सवाल का जवाब देने से परहेज़ किया कि क्या मलिक की उम्मीदवारी वापस लेना ही रास्ता होगा। पवार ने कहा, "नामांकन वापस लेने का समय समाप्त होने पर आपको इसका जवाब मिल जाएगा।"
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