महाराष्ट्र पुलिस ने पालघर में 21 साल तक फरार रहे पारधी गिरोह के सदस्य बाबूराव अन्ना काले को जालना जिले से गिरफ्तार किया। वह 2003 की डकैती और हत्या की कोशिश के मामले में वांछित था। जानिए 21 साल तक उसने कैसे पुलिस को चकमा देकर फरारी काटी।
पालघर। महाराष्ट्र के पालघर जिले में 2003 में हुई डकैती और हत्या के प्रयास के मामले में फरारी काट रहे 55 वर्षीय बाबूराव अन्ना काले को 21 साल बाद जालना जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है। काले पारधी गिरोह का सदस्य है।
आरोपी बाबूराव अन्ना काले, जो पारधी गिरोह का सदस्य है और जिसने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान छिपाई थी। उसको 20 दिसंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि उसे जालना के परतुर तालुका के अंतर्गत उसके पैतृक गांव वलखेड के एक खेत के समीप घर से पकड़ा गया।
9 जनवरी 2003 को 4 लोगों ने पालघर के विरार इलाके में बोलिंज-अगाशी में एक बंगले में सेंध लगाई थी। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राहुल राखा ने बताया कि उन्होंने घर के लोगों को बंधक बनाकर चाकू की नोक पर उनके चेहरे कंबल से ढक दिए। उसके बाद 1.33 लाख रुपये के सोने के गहने और 25,000 रुपये नकद लूट लिए। लुटेरों ने इसी तरीके से पड़ोस के एक बंगले को भी निशाना बनाया, लेकिन वहां कोई कीमती सामान नहीं मिला। अधिकारी ने बताया कि विरार पुलिस ने उसी दिन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 394 (लूट करने में जानबूझकर चोट पहुंचाना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 457 (छिपकर घर में घुसना), 511 (अपराध करने का प्रयास) और 34 (साझा इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
2005 में आरोपियों में से एक सुचिनाथ उर्फ राजेश सत्यवान पवार को पुलिस ने पकड़ लिया था और उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। लेकिन काले सहित तीन अन्य अभी भी फरार थे। अधिकारी ने बताया कि हाल के महीनों में मीरा भयंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) क्राइम ब्रांच ने जांच के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू किए, जिसके दौरान उन्हें जालना में अपने गांव में काले के रहने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस की सहायता से क्राइम ब्रांच की एक टीम ने जालना के गांव में काले का पता लगाया और पिछले सप्ताह उसे गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि काले कम से कम 10 अन्य मामलों में शामिल था, जिसमें संपत्ति चोरी और हत्या का प्रयास शामिल है, जो जालना और छत्रपति संभाजीनगर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि 2003 की डकैती के मामले में दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
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