महाराष्ट्र के आर्थिक भविष्य को दिशा दे रहा फडणवीस का समृद्धि एक्सप्रेसवे

Published : Oct 31, 2024, 02:16 PM ISTUpdated : Oct 31, 2024, 02:52 PM IST
Samruddhi Expressway

सार

मुंबई और नागपुर को जोड़ने वाला ७०१ किमी लंबा समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के विकास में एक नया अध्याय लिखेगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगा।

मुंबई। आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर सबसे महत्वपूर्ण है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसी विजन के साथ राज्य के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे समृद्धि एक्सप्रेसवे की शुरुआत की थी। इसे 'हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग' के नाम से भी जाना जाता है। समृद्धि एक्सप्रेसवे मुंबई और नागपुर को जोड़ती है। इसकी लंबाई 701 किलोमीटर है।

समृद्धि एक्सप्रेसवे का निर्माण अंतिम चरण में है। देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर के मेयर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार इसकी संकल्पना की थी। इसके बाद से फडणवीस और उनका प्रशासन इस परियोजना को जमीन पर उतारने के पीछे प्रेरक शक्ति रहा है।

फडणवीस की शुरुआती दृष्टि नागपुर में बुनियादी ढांचे में सुधार पर केंद्रित थी। इसने नागपुर को मुंबई से जोड़ा। मुंबई से सीधा संपर्क होने से नागपुर में आर्थिक विकास तेज होगा। उन्होंने कहा था, "यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के लिए एक नया विकास इंजन तैयार करेगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी केंद्रों से जोड़ेगा। इससे विदर्भ की क्षमता का पूरा उपयोग हो सकेगा।"

महाराष्ट्र का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है समृद्धि एक्सप्रेसवे

समृद्धि एक्सप्रेसवे की घोषणा 2015 में की गई थी। अगले 4 साल में ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं। इनमें परियोजना रिपोर्ट की तैयारी, भूमि अधिग्रहण, कार्यान्वयन और वित्तपोषण शामिल थे।

एक्सप्रेसवे निर्माण का काम 2019 में शुरू हुआ था। इसका चरणबद्ध उद्घाटन 11 दिसंबर 2022 को शुरू हुआ। पहले नागपुर को शिरडी से जोड़ने वाला 520 किलोमीटर लंबा हिस्सा जनता को समर्पित किया गया। इससे नागपुर से शिरडी जाना आसान हुआ। लोगों को समय की बचत होने लगी। मध्य महाराष्ट्र के लिए कनेक्टिविटी में वृद्धि हुई।

दूसरे चरण में शिरडी और इगतपुरी के बीच 80 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण हुआ। इसे मई 2023 में खोला जाएगा। अंतिम चरण में इगतपुरी को मुंबई से जोड़ा जाएगा। इससे 701 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे पूरा हो जाएगा। इसके पूरा होने पर नागपुर से मुंबई जाने में करीब 8 घंटा कम समय लगेगा। इस परियोजना में छह सुरंगें हैं। इनमें कसारा घाट और इगतपुरी के बीच 7.7 किलोमीटर लंबी जुड़वां सुरंगें शामिल हैं। यह महाराष्ट्र की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है।

अवसरों के नए द्वार खोलता है समृद्धि एक्सप्रेसवे

महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मुख्य रूप से मुंबई, पुणे और नासिक से बने "स्वर्णिम त्रिभुज" से ऊर्जा मिलती है। यह राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में करीब 60 प्रतिशत योगदान देता है। इसके अतिरिक्त, सांगली, सतारा और कोल्हापुर में औद्योगिक केन्द्र उभर रहे हैं।

हालांकि, अपर्याप्त कनेक्टिविटी के कारण विकास के मामले में महाराष्ट्र के पूर्वी हिस्से की काफी अनदेखी की गई है। समृद्धि एक्सप्रेसवे इस स्थिति को बदलने के लिए डिजाइन किया गया था। इसका उद्देश्य राज्य के लिए अवसरों के नए द्वार खोलना था।

इस परियोजना की परिकल्पना एक आर्थिक गलियारे के रूप में की गई थी जो पूरे क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देगा। यह सड़क राज्य के दस प्रमुख जिलों को जोड़ती है। यह अप्रत्यक्ष रूप से राज्य के अन्य 14 जिलों को जोड़ती है।

यह देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह मुंबई स्थित जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) और नवी मुंबई में बनने वाले नए हवाई अड्डे सहित आर्थिक केंद्रों को जोड़ेगा। इस सड़क में 24 इंटरचेंज हैं। ये इसे कई औद्योगिक और आर्थिक केंद्रों से जोड़ते हैं।

यह भी पढ़ें- Farmer Suicides रोकने को देवेंद्र फडणवीस की पहल, क्या है मराठवाड़ा वाटर ग्रिड

PREV

मुंबई-पुणे से लेकर पूरे महाराष्ट्र की राजनीति, बिज़नेस गतिविधियाँ, बॉलीवुड अपडेट्स और लोकल घटनाओं पर हर पल की खबरें पढ़ें। राज्य की सबसे विश्वसनीय कवरेज के लिए Maharashtra News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — केवल Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

TCS ने पुणे ऑफिस से 365 को निकाला, लेबर कमिश्नर के पास पहुंच गए कर्मचारी
पिता ने उजाड़ा बेटी का संसार: प्रेमी की लाश के साथ शादी करने वाली लड़की की झकझोर देने वाली कहानी