
मुंबई। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब पर्यटक नौका ‘नीलकमल’ और नौसेना की स्पीडबोट के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई और 101 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। दुर्घटना के वक्त यह नौका एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी। नौसेना के अनुसार, हादसा शाम करीब 4 बजे हुआ जब एक इंजन परीक्षण के दौरान जहाज ने नियंत्रण खो दिया और नील कमल से टकरा गया। इस दुर्घटना में नौसेना के चार कर्मियों सहित कई लोग हताहत हुए।
नौसेना की स्पीडबोट इंजन परीक्षण के दौरान नियंत्रण खो बैठी और ‘नीलकमल’ से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि नौका पलट गई और यात्री समुद्र में गिर गए। इस नौका में 110 पर्यटक और चालक दल के 5 सदस्य सवार थे।
दुर्घटना के तुरंत बाद भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, मरीन पुलिस और स्थानीय मछुआरों ने बड़े स्तर पर बचाव अभियान शुरू किया। चार नौसेना हेलीकॉप्टर, 11 नौसेना के जहाज और अन्य कई नावों ने मिलकर यात्रियों को बचाने का काम किया। हादसे का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें यात्री मदद के लिए चीखते-चिल्लाते नजर आ रहे हैं। बचावकर्मियों ने सबसे पहले महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी। एक बच्ची को समुद्र से अचेत अवस्था में निकाला गया, जिसे छाती पर दबाव देकर होश में लाया गया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की मदद की घोषणा की।
इस हादसे को लेकर कोलाबा पुलिस स्टेशन में नौसेना के स्पीड बोट चालक और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता नाथाराम चौधरी ने नौसेना की लापरवाही का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद यात्री घबरा गए और मदद के लिए चिल्लाने लगे। कुछ ने अपने प्रियजनों को बचाने की कोशिश की। नाव पायलट आरिफ बामने ने बताया कि बचाव अभियान के दौरान महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी गई। एक बच्ची, जो बेसुध थी, को बचाने के लिए तत्काल प्राथमिक चिकित्सा दी गई।
यह स्पष्ट नहीं है कि ‘नीलकमल’ सुरक्षा मानकों के तहत यात्रियों को ले जा रही थी या नहीं। पोत के मालिक राजेंद्र पडटे ने नौसेना की स्पीडबोट को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। इस दुर्घटना को लेकर जांच शुरू हो गई है। नौका के मालिक राजेंद्र पडटे ने कहा कि उनकी नौका सभी सुरक्षा मानकों का पालन कर रही थी और यह दुर्घटना नौसेना की स्पीडबोट के कारण हुई।
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