प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नासिक के कालाराम मंदिर में पूजा की। इसके बाद उन्होंने AI की मदद से रामायण के 'युद्ध कांड' खंड का पाठ सुना।
नासिक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इससे 11 दिन पहले शुक्रवार को पीएम ने नासिक के कालाराम मंदिर में पूजा कर विशेष अनुष्ठान शुरू किया।
कालाराम मंदिर में पूजा के वक्त नरेंद्र मोदी प्रभु श्री राम की भक्ति में डूबे नजर आए। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। वनवास के समय भगवान राम ने पंचवटी में लंबा वक्त बिताया था। रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी का विशेष स्थान है। रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाएं यहीं घटी थीं।
भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने पंचवटी क्षेत्र में स्थित दंडकारण्य वन में कुछ वर्ष बिताए थे। पंचवटी नाम का अर्थ है 5 बरगद के पेड़ों की भूमि। किंवदंती है कि भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया स्थापित की थी। 5 बरगद के पेड़ों की उपस्थिति ने इस क्षेत्र को शुभ बना दिया था।
पीएम ने 'युद्ध कांड' सुनने के लिए लिया AI का सहारा
नासिक में परंपरा और तकनीक का अद्भुत संगम देखने को मिला। कालाराम मंदिर में पीएम ने रामायण की महाकाव्य कथा सुनी। इस दौरान विशेष रूप से 'युद्ध कांड' खंड का पाठ किया गया। इस खंड में भगवान राम की अयोध्या वापसी का वर्णन है। 'युद्ध कांड' मराठी में प्रस्तुत किया गया। पीएम ने AI अनुवाद के माध्यम से हिंदी संस्करण सुना।
पीएम ने कालाराम मंदिर परिसर में सफाई भी की। इससे पहले उन्होंने नासिके में रोड शो किया। पीएम के साथ वाहन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार भी मौजूद थे। रोड शो के दौरान सड़क पर जन सैलाब उमड़ा। सड़क दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग पीएम मोदी की एक झलक पाने के लिए जुटे हुए थे।
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