रतन टाटा और शांतनु नायडू: उम्र का फासला मिटाकर बुन गई गहरी दोस्ती!

रतन टाटा और शांतनु नायडू की अद्वितीय दोस्ती की कहानी, जिसमें परोपकार, बिजनेस सलाह, और जानवरों की देखभाल के प्रति उनके प्रयासों को शामिल किया गया है। जानें कैसे शांतनु ने रतन टाटा के साथ अपने रिश्ते को मजबूत किया।

मुंबई। रतन टाटा, भारत के सबसे बड़े परोपकारी उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन, अब हमारे बीच नहीं रहे। हालांकि, उनका कार्य और योगदान हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा। रतन टाटा के जीवन की अनेक रोचक कहानियों में से एक उनकी 55 साल छोटे मित्र शांतनु नायडू की है। शांतनु, जिन्होंने न केवल रतन टाटा के सहायक के रूप में कार्य किया बल्कि उनके करीबी दोस्त भी रहे।

शांतनु नायडू: रतन टाटा के साथ साए की तरह

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शांतनु नायडू, जो रतन टाटा के प्रबंधन में माने जाते थे, हमेशा उनके साथ रहते थे। दोनों की दोस्ती और जानवरों के प्रति उनकी देखभाल की मुहिम सबको पता है। शांतनु ने अपने स्टार्टअप गुडफेलोज की स्थापना की है, जिसमें रतन टाटा ने निवेश किया है। गुडफेलोज बुजुर्गों की देखभाल करने वाली एक संस्था है।

रतन टाटा का शांतनु नायडू से जुड़ाव

शांतनु नायडू ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई की है। रतन टाटा ने उनकी प्रतिभा को देखकर उन्हें फोन किया और उनके असिस्टेंट बनने के लिए आमंत्रित किया। शांतनु नायडू का जन्म 1993 में पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। वे रतन टाटा को स्टार्टअप्स में निवेश संबंधी सुझाव देते थे और टाटा ग्रुप में जनरल मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं।

टाटा ट्रस्ट में शांतनु की भूमिका

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शांतनु नायडू टाटा ट्रस्ट के डिप्टी जनरल मैनेजर के रूप में भी कार्यरत हैं। वे एक प्रसिद्ध व्यवसायी, इंजीनियर, और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। उन्होंने व्यापार जगत में एक ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसे पाने का सपना कई लोग देखते हैं।

दोस्ती की शुरुआत: जानवरों के प्रति प्रेम

रतन टाटा और शांतनु की दोस्ती की शुरुआत 2014 में हुई थी, जब शांतनु ने आवारा कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाने की पहल की थी। इस पहल के बारे में उन्होंने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखा, जिसे पढ़कर रतन टाटा उनसे प्रभावित हुए और उन्हें काम करने के लिए आमंत्रित किया। रतन टाटा का 31 वर्षीय शांतनु नायडु खास जुड़ाव रहा है, लेकिन रतन टाटा का उनसे कोई पारिवारिक संबंध नहीं रहा है। रतन टाटा ने उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर खुद फोन करके कहा था कि मेरे असिस्टेंट बनोगे। शांतनु नायडू मुंबई के रहने वाले हैं। शांतनु नायडू ने भी कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई की है, जिससे रतन टाटा ने वास्तुकला में स्नातक की डिग्री हासिल की थी।

 

 

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