संजय निरुपम ने थामा शिवसेना का दामन, टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस से थे नाराज, 19 साल बाद फिर बने शिवसैनिक

Published : May 03, 2024, 08:01 PM ISTUpdated : May 04, 2024, 03:43 AM IST
sanjay nirupam

सार

बाला साहेब ठाकरे वाली शिवसेना में रह चुके संजय निरुपम ने 19 साल बाद वापसी की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संजय निरुपम का शिवसेना में वापसी पर स्वागत किया।

Sanjay Nirupam joins Shiv Sena Shinde camp: कांग्रेस से नाराज होकर इस्तीफा देने वाले संजय निरुपम को नया ठिकाना मिल गया है। शुक्रवार को पूर्व सांसद संजय निरुपम ने शिवसेना शिंदे कैंप को ज्वाइन कर लिया। बाला साहेब ठाकरे वाली शिवसेना में रह चुके संजय निरुपम ने 19 साल बाद वापसी की है। पार्टी कार्यालय पर अपनी पत्नी और बेटी के साथ संजय निरुपम शिवसेना में शामिल हो गए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संजय निरुपम का शिवसेना में वापसी पर स्वागत किया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व सांसद संजय निरुपम का शिवसेना में स्वागत करते हुए कहा कि वह बिना शर्त पार्टी में शामिल हुए हैं। संजय निरुपम शिवसेना के शुरूआती दौर के सदस्य रहे हैं। बाला साहेब के जमाने में शिवसैनिक के रूप में काफी मुखर रहे। शिंदे ने बताया कि संजय निरुपम शिवसेना को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। 

कौन हैं संजय निरुपम?

संजय निरुपम, बाला साहेब ठाकरे के करीबियों में गिने जाते थे। वह शिवसेना के मुख पत्र दोपहर का सामना के संपादक रह चुके हैं। बाला साहेब ठाकरे ने उनको दो बार राज्यसभा में भी भेजा। हालांकि, 19 साल पहले संजय निरुपम ने शिवसेना छोड़ दिया था। इसके बाद वह कांग्रेस में शमिल हो गए थे। 2005 से वह कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे हैं। कांग्रेस में वह सबसे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव नियुक्त हुए। 2009 में वह मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े। इस चुनाव में संजय निरुपम ने बीजेपी के दिग्गज नेता राम नाइक को हराया।

हालांकि, इस बार संजय निरुपम की सीट गठबंधन में चले जाने के बाद से वह कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। लगातार बयानबाजी के चलते कांग्रेस कई बार असमंजस की स्थितियों में पहुंच जा रही थी। संजय निरुपम को बीते दिनों कांग्रेस ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को शिवसेना का दामन थाम लिया।

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