‘इंस्पेक्टर गोपाल बडने ने 5 महीने में 4 बार मेरा रेप किया’, महिला डॉ. ने किया सुसाइड

Published : Oct 24, 2025, 06:43 PM IST
सतारा में महिला डॉक्टर ने किया सुसाइड। पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडले पर आरोप।

सार

सतारा में एक महिला डॉक्टर ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की। सुसाइड नोट में उन्होंने अधिकारी पर 5 महीने तक बलात्कार और उत्पीड़न का आरोप लगाया। आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है।

सतारा: महाराष्ट्र के सतारा में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर की प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। गुरुवार रात को उन्होंने जिला अस्पताल में अपनी जान दे दी। आत्महत्या करने से पहले, उन्होंने अपनी बाईं हथेली पर एक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी पर लगातार उत्पीड़न और मानसिक रूप से परेशान करने का गंभीर आरोप लगाया है। आत्महत्या करने वाली डॉक्टर फलटण सब-डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर थीं।

‘पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल बडने 5 महीने से मेरा रेप कर रहा था’

नोट में लिखा है, 'पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल बडने मेरी मौत का कारण है। उसने मेरे साथ चार बार बलात्कार किया। पांच महीने से भी ज़्यादा समय से वह मेरा बलात्कार और मानसिक-शारीरिक शोषण कर रहा था।' इसके अलावा, महिला ने एक और पुलिस अधिकारी प्रशांत बनकर पर भी मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। इस मामले में गोपाल बडने को सस्पेंड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर बडने को सस्पेंड किया गया।

आत्महत्या करने से कुछ महीने पहले, 19 जून को, महिला ने फलटण के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) ऑफिस को भेजे एक पत्र में भी उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पत्र में फलटण ग्रामीण पुलिस स्टेशन के बडने, सब-डिविजनल पुलिस इंस्पेक्टर पाटिल और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर लडपुत्रे के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की गई थी।

महिला डॉक्टर के सुसाइड को कांग्रेस ने बनाया मुद्दा

इस बीच, महिला डॉक्टर की आत्महत्या ने एक राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता विजय नामदेवराव वडेट्टीवार ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जब रक्षक ही भक्षक बन जाए! पुलिस का काम रक्षा करना है, लेकिन अगर वे ही एक महिला डॉक्टर का शोषण करें तो न्याय कैसे मिलेगा? पहले शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की गई?' उन्होंने यह भी मांग की कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सिर्फ जांच काफी नहीं है, उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

(नोटः आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। जीने की कोशिश करें। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद लें। ऐसे विचार आने पर 'दिशा' हेल्पलाइन पर कॉल करें। टोल-फ्री नंबर: Toll free helpline number: 1056, 0471-2552056)

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