
पुणे: अजीत पवार के गुट वाले एनसीपी को असली एनसीपी का तगमा मिल जाने से आहत सीनियर लीडर शरद पवार ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। सीनियर पवार ने कहा कि अजीत पवार गुट को एनसीपी नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने का चुनाव आयोग का निर्णय आश्चर्यजनक रहा क्योंकि इलेक्शन कमीशन ने उन हाथों से पार्टी को छीना है जिन हाथों ने इसे स्थापित किया था। शरद पवार ने कहा कि किसी भी पार्टी की विचारधारा और कार्यक्रम महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इलेक्शन सिंबल तो सिर्फ एक सीमित समय के लिए होते हैं।
हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे
एनसीपी का नाम और सिंबल छीन जाने के बाद शरद पवार ने कहा कि मुझे विश्वास है कि चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन जनता नहीं करेगी। हम आयोग के फैसला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। पवार ने कहा कि कार्यक्रम और विचारधारा लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं जबकि एक प्रतीक सीमित अवधि के लिए उपयोगी होता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने न सिर्फ हमारा चुनाव चिह्न छीना बल्कि हमारी पार्टी भी दूसरों को सौंप दी। पवार ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन लोगों के हाथों से पार्टी छीन ली जिन्होंने इसे स्थापित किया और इसे बनाया और इसे दूसरों को दे दिया; ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। बता दें कि एनसीपी की स्थापना शरद पवार ने 1999 में की थी।
बीते साल शरद पवार के भतीजा अजीत पवार ने एनसीपी से बगावत करके एमवीए को छोड़कर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के साथ गठबंधन कर दिया। अजीत पवार ने सरकार को समर्थन देने के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सत्ता में भागीदारी हासिल करने के कुछ दिनों बाद अजीत पवार ने अपने धड़े को असली एनसीपी होने का दावा करते हुए चुनाव आयोग में याचिका दायर की। बीते दिनों चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अजीत पवार गुट को असली एनसीपी बताते हुए सिंबल अलॉट कर दिया। शरद पवार के गुट को चुनाव आयोग ने नया नाम और सिंबल दिया है।
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