शिवसेना का नाम और सिंबल लेने के लिए एकनाथ शिंदे कैंप पर छह महीना में कम से कम 2000 करोड़ रुपये की लेनदेन करने का आरोप उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने लगाया है।
Shiv Sena row: शिवसेना का नाम और सिंबल लेने के लिए एकनाथ शिंदे कैंप पर छह महीना में कम से कम 2000 करोड़ रुपये की लेनदेन करने का आरोप उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने लगाया है। संजय राउत के आरोपों को शिंदे कैंप ने खारिज कर दिया है। एकनाथ शिंदे गुट के विधायक सदा सरवांकर ने कहा कि क्या संजय राउत कैशिअर हैं जो यह जानकारी रख रहे थे।
क्या आरोप लगाया है संजय राउत ने?
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए छह महीने में अब तक 2000 करोड़ रुपये के सौदे और लेनदेन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारी अराजकता के बीच पिछले साल पार्टी छोड़ने वाले 40 विधायकों में से प्रत्येक को 50 करोड़ रुपये दिए गए थे। संजय राउत ने रविवार को ट्वीट किया, "मुझे यकीन है। चुनाव चिह्न और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं। यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है। जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा। देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था।"
पार्षद और कार्यकर्ता खरीदने के लिए शिंदे ने खर्च किए पैसे
संजय राउत ने कहा, “जिस तरह से शिवसेना नाम और शिवसेना की निशानी (चुनाव चिह्न) तीर-कमान हमसे छीन लिया वह न्याय नहीं है। वो सत्य नहीं है। यह एक व्यवहार और व्यापार हो गया है। खरीद लिया गया है। अब तक 2 हजार करोड़ रुपए की लेनदेन इस मामले में हुई है। सिर्फ शिवसेना ने चिह्न और नाम छीनने के लिए। ये मेरा प्राथमिक अंदाजा है। जो लोग विधायक खरीदने के लिए 50-50 करोड़ रुपए दाम लगाते हैं। सांसद खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए की बोली लगाते हैं। हमारे पार्षद और शाखा प्रमुख खरीदने के लिए एक करोड़ और 10 लाख दाम लगाते हैं। वो पार्टी का नाम और चिह्न खरीदने के लिए कितने की बोली लगा सकते हैं।”