
Sanjay Nirupam Housing Jihad Allegation: मुंबई के उपनगर जोगेश्वरी से उठी एक चौंकाने वाली आवाज़ ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि मुंबई के उपनगर जोगेश्वरी में दो स्लम पुनर्विकास परियोजनाएं "हाउसिंग जिहाद" का हिस्सा बन चुकी हैं। उनके अनुसार कुछ बिल्डर योजनाबद्ध तरीके से हिंदू परिवारों के घर मुस्लिम समुदाय को आवंटित कर रहे हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय निरुपम ने खुलासा किया कि जोगेश्वरी-ओशिवारा क्षेत्र के "पैराडाइज़ ज़ोन" में दो स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं के तहत 44 मकान बढ़ाकर 95 कर दिए गए हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि 51 नए घरों में से अधिकतर मुस्लिम समुदाय को दिए जा रहे हैं। उनका दावा है कि यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है ताकि इलाके की धार्मिक पहचान बदली जा सके।
निरुपम का सबसे गंभीर आरोप है कि पहले इस क्षेत्र में स्थित एक गणेश मंदिर और देवी मंडप को हटाकर वहां मदरसा बना दिया गया है। उन्होंने इसे न सिर्फ धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया, बल्कि इसे संस्कृति के विरुद्ध चल रही साजिश बताया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ बिल्डर अब्दुल गनी किताबुल्लाह और उनके बेटों के इशारे पर हुआ, जिन्हें कथित रूप से 30 मकानों का आवंटन मिला है। सवाल यह भी उठता है कि क्या यह पुनर्विकास योजना किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत चलाई जा रही है, जिसमें धार्मिक ध्रुवीकरण के जरिए वोट बैंक को साधने की कोशिश हो रही है?
सवाल यह भी उठता है कि इस तरह की खुली धार्मिक साजिश पर प्रशासन की चुप्पी क्यों है? क्या नगर निगम, पुनर्विकास विभाग और अन्य प्रशासनिक संस्थाएं इस खेल का हिस्सा हैं या अनभिज्ञ? निरुपम ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ताकि पूरे मामले की परतें खोली जा सकें।
यह पहला मौका नहीं है जब भारत में हाउसिंग जिहाद जैसे शब्द चर्चा में आए हों। इससे पहले भी कुछ इलाकों में धार्मिक आबादी को बदलने के आरोप लगे हैं, लेकिन इस बार मामला मुंबई जैसे महानगर से जुड़ा है, जहां हर वर्ग की नजर होती है। शिवसेना नेता द्वारा लगाए गए आरोपों ने एक नई बहस को जन्म दिया है। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल सामाजिक एकता बल्कि शहरी विकास नीति पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
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