Mumbai Heavy Rain Alert: मुंबई में 1918 के बाद सबसे ज्यादा बारिश! कोलाबा क्यों बन रहा है टारगेट?

Published : Jun 23, 2025, 08:46 AM IST

Mumbai Heavy Rainfall: 918 के बाद मई में रिकॉर्ड 504 मिमी बारिश, जून में भी 146 मिमी से टूटा सात साल का रिकॉर्ड! कोलाबा में 981 मिमी बारिश, जबकि उपनगर पीछे क्यों रह गए? मानसूनी हवाओं का टर्न या कोई छुपा साइंटिफिक ट्विस्ट? पूरा सच जानें! 

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कोलाबा क्यों बना बारिश का अड्डा?

Mumbai suburbs rain: मुंबई में इस बार मानसून ने चौंकाया! दक्षिण मुंबई के कोलाबा में मई से लेकर जून मध्य तक रिकॉर्डतोड़ बारिश दर्ज हुई। जहां आमतौर पर सांताक्रूज़ जैसे उपनगर बारिश में आगे रहते हैं, इस बार कोलाबा ने 981 मिमी बारिश के साथ सबको पीछे छोड़ दिया। 1918 के बाद सबसे ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई।

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75 साल में सबसे जल्दी आया मानसून, क्यों?

इस बार मानसून 26 मई को ही मुंबई पहुंच गया, जो 75 वर्षों में सबसे जल्दी है। इसकी वजह थी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से तेज़ हवाओं की संगति, जिसने मानसून को सामान्य समय से कई दिन पहले मुंबई के तटों तक पहुंचा दिया।

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नरीमन पॉइंट से कोलाबा तक बाढ़ जैसे हालात

मानसून की शुरुआत के दौरान कोलाबा, नरीमन पॉइंट और बायकुला जैसे इलाकों में 24 घंटे में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। इतने कम समय में इतनी भारी बारिश ने ट्रैफिक और जनजीवन दोनों को अस्त-व्यस्त कर दिया। वहीं दूसरी ओर उपनगरीय इलाके अपेक्षाकृत शांति से बचे रहे।

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मानसूनी हवाओं का कोलाबा की ओर झुकाव

मौसम विशेषज्ञ अथरेया शेट्टी के अनुसार, मानसून के शुरुआती दौर में हवाओं का पैटर्न दक्षिण मुंबई के संकीर्ण क्षेत्रों की ओर झुका रहा। इस वजह से बारिश का भारी हिस्सा कोलाबा जैसे तटीय क्षेत्रों में केंद्रित हो गया, जबकि उपनगरों तक नमी कम पहुंची।

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सक्रिय तटीय गर्त बना भारी वर्षा का कारण

पिछले हफ्ते एक सक्रिय अपतटीय ट्रफ (Coastal Trough) ने भी कोलाबा और रायगढ़ में भारी वर्षा को बढ़ावा दिया। यह ट्रफ समुद्री सतह से हवा को ऊपर उठाकर भारी वर्षा की स्थिति बनाता है। यह सिस्टम ठाणे और अन्य उपनगरों तक प्रभाव नहीं पहुंचा सका।

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सामान्य बारिश का उल्टा पैटर्न क्यों?

आमतौर पर मानसून के दौरान उपनगरों (जैसे सांताक्रूज़) में अधिक बारिश होती है। लेकिन इस बार स्थिति उलटी रही — कोलाबा में 981 मिमी बारिश, जबकि सांताक्रूज़ में मात्र 803 मिमी। ये बदलाव मानसून की असंतुलित दिशा और नमी वितरण का परिणाम हैं।

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अब तक का डेटा और पुराने रिकॉर्ड

मई में कोलाबा में 504 मिमी बारिश हुई जो 1918 के बाद सबसे ज़्यादा है। 19 जून को भी 24 घंटे में 146 मिमी बारिश दर्ज हुई — पिछले 7 सालों में दूसरी सबसे ज्यादा। जून 2023 की तुलना में इस बार अधिक वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने इसे असामान्य लेकिन वैज्ञानिक रूप से संभव बताया।

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24 घंटे में 200 मिमी बारिश, सिर्फ कोलाबा में क्यों?

19 जून को कोलाबा में 24 घंटे के भीतर 146 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2023 के बाद सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, एक सक्रिय अपतटीय ट्रफ ने भी दक्षिण मुंबई को लगातार पानी से सराबोर किया।

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आगे क्या? क्या बारिश की चाल फिर बदलेगी?

फिलहाल कोई बड़ी वेदर सिस्टम एक्टिव नहीं है, लेकिन अगले कुछ दिन मुंबई में मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। कोलाबा जैसे क्षेत्र अगर फिर केंद्र बनते हैं, तो उपनगरों को और इंतज़ार करना पड़ सकता है। क्या यह नया मानसूनी ट्रेंड है या बस एक अपवाद?

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