क्या नोएल टाटा बनेंगे TATA समूह का नया चेहरा? जानें उनकी कहानी और ओहदा

रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा टाटा समूह के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। टाटा ट्रस्ट में उनकी प्रमुख भूमिका और टाटा संस में उनका प्रभाव उन्हें समूह के भीतर एक शक्तिशाली व्यक्ति बनाता है।  

मुंबई। नोएल टाटा का करियर 2000 के दशक की शुरुआत में तब चमका जब उन्हें टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया, जो टाटा समूह के विदेशी कारोबार की देखरेख करता है। इस पद के साथ यह माना जाने लगा कि नोएल टाटा को समूह के भविष्य के नेतृत्व के लिए तैयार किया जा रहा है। हालांकि 2011 में साइरस मिस्त्री को रतन टाटा का उत्तराधिकारी घोषित किया गया, लेकिन उनका कार्यकाल अल्पकालिक रहा। मिस्त्री के बाद 2017 में नटराजन चंद्रशेखरन ने समूह की कमान संभाली।

क्या है अभी नोएल टाटा की भूमिका?

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इन वर्षों में नोएल टाटा की भूमिका लगातार महत्वपूर्ण होती गई। 2019 में उन्हें सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया, जो टाटा संस और टाटा समूह पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाले प्रमुख ट्रस्टों में से एक है। इसके अलावा 2018 में वे टाइटन कंपनी के उपाध्यक्ष बने और 2022 में उन्हें टाटा स्टील का उपाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया, जिससे टाटा समूह के भीतर उनकी स्थिति और मजबूत हो गई।

साइलेंट नेतृत्वशैली के लिए जाने जाते हैं नोएल टाटा

नोएल की नेतृत्व शैली साइलेंट और कम प्रोफाइल वाली रही है, जो रतन टाटा की सार्वजनिक छवि के विपरीत है। उन्होंने समूह के अंतरराष्ट्रीय कारोबार और खुदरा व्यापार में विशेष रूप से ध्यान दिया है, जिसमें टाटा ट्रेंट जैसे ब्रांड्स का पुनरुत्थान प्रमुख रहा है।

रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा प्रकुख व्यक्ति के रूप में उभरे

रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा अब टाटा ट्रस्ट के नेतृत्व में प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे हैं। टाटा ट्रस्ट, टाटा संस के 66% हिस्सेदारी को नियंत्रित करता है, जो टाटा समूह के निर्णय लेने और भविष्य की दिशा को प्रभावित करता है। टाटा ट्रस्ट की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के साथ नोएल की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

रतन टाटा से है पारिवारिक रिश्ता

नोएल का पारिवारिक संबंध भी उन्हें टाटा समूह से और भी करीब से जोड़ता है। उनकी पत्नी आलू मिस्त्री, पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी हैं, जो टाटा संस के सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक थे। इस संबंध ने नोएल की टाटा समूह में शक्ति और प्रभाव को और बढ़ाया है। 

नोएल के बच्चे भी टाटा ट्रस्ट में हुए शामिल

नोएल के बच्चे लिआ, माया और नेविल भी टाटा ट्रस्ट्स में महत्वपूर्ण पदों पर हैं, जो टाटा समूह के धर्मार्थ और वित्तीय हितों का प्रबंधन करते हैं। इससे उनकी भूमिका न केवल प्रतीकात्मक बल्कि समूह के भविष्य के शासन को आकार देने के लिए आवश्यक बन जाती है। नोएल टाटा की यह यात्रा बताती है कि आने वाले वर्षों में वे टाटा समूह और टाटा ट्रस्ट्स के भविष्य को दिशा देने में एक निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

 

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