
ठाणे। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने ठाणे में एक व्यवसायी, गोपीचंद शंकर पाटिल (38), को 2019 की सड़क दुर्घटना में घायल होने पर ₹31.39 लाख का मुआवजा दिया है। यह निर्णय 12 नवंबर को न्यायाधिकरण के एसएन शाह के नेतृत्व में सुनाया गया। जो एक बड़ी धनराशि उस परिवार के लिए संजीवनी से कम नहीं है, जिसका मुखिया विकलांगता का शिकार हो गया था।
13 मार्च 2019 को गोपीचंद पाटिल घोड़बंदर रोड पर स्कूटर चला रहे थे, जब एक तेज़ रफ़्तार कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में पाटिल गंभीर रूप से घायल हो गए और वाहन चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम के तहत लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया।
गोपीचंद पाटिल ने दावा किया कि दुर्घटना के कारण उनकी 40 प्रतिशत विकलांगता हो गई है, जिससे उनके कामकाज पर असर पड़ा। MACT ने इस दावे को मान्यता देते हुए उन्हें ₹31.39 लाख का मुआवजा दिया। इसमें प्रमुख रूप से ₹25.65 लाख भविष्य की आय के नुकसान के लिए और ₹3.74 लाख चिकित्सा खर्च के लिए शामिल हैं।
घटना के समय गोपीचंद पाटिल की वार्षिक आय ₹5 लाख थी। विकलांगता के कारण उनके कामकाज और आय पर बड़ा असर पड़ा। एक समय तो उनकी आय लगभग शून्य हो गई थी। जिसे न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में शामिल किया और मुआवजे की रकम उसी अनुसार तय की।
MACT का यह फैसला सड़क दुर्घटनाओं में घायल पीड़ितों को न्याय दिलाने और उन्हें मुआवजा प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पाटिल का यह मामला न्यायपालिका द्वारा समय पर राहत प्रदान करने का उदाहरण बन गया है। यह मुआवजा सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों के लिए एक बड़ी राहत है और अन्य पीड़ितों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित करता है।
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