
मुंबई। विवादों में चल रहीं ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Puja Khedkar) को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूजा को सिर्फ 7 फीसदी विकलांगता है, जबकि विकलांगता के आधार पर नौकरी में आरक्षण का लाभ उठाने के लिए कम से कम 40 फीसदी विकलांगता की जरूरत होती है।
पूजा खेडकर को विकलांगता प्रमाण पत्र YCM (Yashwantrao Chavan Memorial) हॉस्पिटल से मिला था। इस अस्पताल ने बताया था कि पूजा में 7 फीसदी गति विकलांगता है। YCM हॉस्पिटल के डीन डॉ राजेंद्र वाबले ने बताया है कि किसी को 7 फीसदी विकलांगता है तो यह बड़ी शारीरिक विकलांगता नहीं मानी जाती। इस आधार पर नौकरी में लाभ पाने के लिए कम से कम 40 प्रतिशत विकलांगता चाहिए।
अस्पताल ने पूजा खेडकर को दिया था 7 फीसदी विकलांगता का प्रमाण पत्र
जब YCM अस्पताल ने 7 फीसदी विकलांगता का प्रमाण पत्र दिया तो सवाल है कि पूजा खेडकर को किस प्रमाण पत्र के आधार पर आईएएस की नौकरी मिल गई? इस वजह से आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगाया है।
पूजा के बाएं घुटने में है 7 प्रतिशत स्थायी विकलांगता
YCM अस्पताल के डॉ. मिलिंद लोखंडे बताया है कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के लोकोमोटर विकलांगता का मामला 24 अगस्त 2022 को उनके सामने आया था। पूजा के बाएं घुटने में 7 प्रतिशत स्थायी विकलांगता है। इसके चलते उन्हें चलने में हल्की दिक्कत होती है।
पुणे के 9 अस्पताल जारी करते हैं विकलांगता प्रमाण पत्र
पुणे में 9 अस्पताल ऐसे हैं जहां किसी व्यक्ति की स्थिति को प्रमाणित किया जाता है। इन अस्पतालों द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र दिया जाता है। अहमदनगर के जिला सिविल सर्जन ने बताया है कि अस्पताल के तत्कालीन मेडिकल बोर्ड ने 2018 में खेडकर को दृष्टि विकलांगता प्रमाण पत्र और 2021 में मानसिक विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया था। तत्कालीन बोर्ड ने 2021 में उन्हें चिकित्सा विकलांगता के लिए एक संयुक्त प्रमाण पत्र भी जारी किया था। इसके बाद खेडकर ने 2022 में वाईसीएम और जिला अस्पताल से विकलांगता प्रमाण पत्र मांगा था।
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पांच तरह की होती है विकलांगता
गौरतलब है कि किसी भी इंसान में विकलांगता मुख्य रूप से पांच तरह की होती है। पहला है गति से जुड़ी विकलांगता। इसमें हाथ, पैर या शरीर के अन्य अंगों के मूवमेंट में आने वाली समस्या शामिल है। दूसरी है दृश्य विकलांगता। इसमें देखने में आने वाली समस्याएं आती हैं। तीसरा है श्रवण विकलांगता। इसमें सुनने में समस्या होती है। चौथा है मानसिक विकलांगता। इसमें पीड़ित को दिमागी परेशानी होती है। पांचवां है खून से जुड़ी विकलांगता। इसमें पीड़ित को हीमोफीलिया या थैलेसीमिया जैसे रोग होते हैं।
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