20 साल बाद एक मंच पर उद्धव-राज, BMC चुनाव से पहले बदली महाराष्ट्र की राजनीति

Published : Dec 24, 2025, 02:09 PM ISTUpdated : Dec 24, 2025, 02:33 PM IST
Uddhav Thackeray And Raj Thackeray BMC Election 2025 Alliance

सार

Breaking Politics News: 20 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे BMC चुनाव से पहले एक साथ आए। मराठी गौरव, मुंबई मेयर और महाराष्ट्र की अस्मिता को लेकर UBT-MNS गठबंधन का बड़ा ऐलान, जिसने राजनीति में हलचल मचा दी।

Uddhav Thackeray And Raj Thackeray BMC Election 2025 Alliance: मुंबई की राजनीति में 20 साल बाद एक बड़ा झटका लगा है। BMC और नासिक समेत कई नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना (UBT) और MNS ने औपचारिक गठबंधन की घोषणा कर दी है। इस ऐतिहासिक घोषणा में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, जो दशकों तक अलग-अलग राजनीतिक राहों पर चले, एक मंच पर दिखाई दिए। दोनों चचेरे भाई वर्ली में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन की घोषणा करते हुए भावनात्मक नजर आए। उद्धव ने मराठी लोगों को चेतावनी दी: "अगर अब आप बंट गए या कोई गलती की, तो आप पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। मराठी गौरव को बर्बाद मत करो।" राज ने कहा कि महाराष्ट्र किसी भी विवाद या लड़ाई से बड़ा है और इसलिए दोनों ने राजनीतिक मतभेद भूलकर एक साथ आने का फैसला किया।

गठबंधन का राजनीतिक महत्व क्या है?

BMC चुनावों के लिए यह गठबंधन न केवल राजनीतिक मजबूती की तरफ इशारा करता है, बल्कि इसे मराठी समुदाय में एकजुटता का प्रतीक भी माना जा रहा है। हालांकि, दोनों नेताओं ने सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला नहीं बताया। राज ने साफ कहा कि उम्मीदवारों को सीधे नामांकन दाखिल करने के लिए कहा जाएगा।

क्या उद्धव और राज का गठबंधन सिर्फ चुनाव तक सीमित रहेगा?

राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुंबई में सक्रिय गिरोहों और बच्चों के अपहरण का जिक्र भी किया। उन्होंने साफ कहा कि मुंबई का मेयर मराठी होगा और वह शिवसेना (UBT)-MNS गठबंधन से होगा। यह गठबंधन महाराष्ट्र में राजनीतिक शक्ति संतुलन को बदल सकता है और आने वाले चुनावों में नए समीकरण बनाने की संभावना बढ़ाता है।

 

 

ठाकरे परिवार का ऐतिहासिक कनेक्शन

उद्धव और राज ने अपने परिवार के साथ शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। आदित्य ठाकरे, रश्मि ठाकरे, अमित ठाकरे और शर्मिला ठाकरे भी इस मौके पर मौजूद थे। उद्धव ने बताया कि उनका परिवार मुंबई को महाराष्ट्र में शामिल कराने के लिए बलिदान दे चुका है और बालासाहेब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दोनों नेताओं पर है। उद्धव ने कहा, "हमारा साथ रहने का कर्तव्य है, इसलिए हम एक साथ आए हैं। आज से कोई भी धोखेबाज़ी की कोशिश मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं कर पाएगी।"

सीट-बंटवारा और राजनीतिक समीकरण

गठबंधन के अनुसार BMC चुनाव के लिए सीटें इस तरह बंटी हैं:

  • शिवसेना (UBT): 145–150 सीटें
  • MNS: 65–70 सीटें
  • NCP (SP): 10–12 सीटें

हालांकि इस फैसले पर प्रतिद्वंद्वी शिवसेना नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया भी आई है। नेता राजू वाघमारे ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने बालासाहेब ठाकरे की विरासत के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा, "मराठी लोग इसे कभी नहीं भूलेंगे। जब सीट शेयरिंग की बात आएगी, तो कार्यकर्ता घबराए हुए और गुस्से में होंगे।"

क्या यह गठबंधन महायुति में दरार की शुरुआत है?

कांग्रेस ने इस गठबंधन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है, लेकिन नेताओं का कहना है कि ठाकरे भाइयों का मिलन महायुति के भीतर राजनीतिक फूट की संभावना को उजागर करता है। कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने कहा, "क्या अजीत पवार और शरद पवार के मिलन का मतलब है कि महायुति में दरार पड़ गई है?"

 

 

आगामी चुनाव और मतदान

BMC, PMC और PCMC समेत 29 नगर निगमों में चुनाव की घोषणा की गई है। मतदान 15 जनवरी को होगा और मतगणना 16 जनवरी को। सत्तारूढ़ महायुति ने पिछले चुनावों में 286 नगरपालिकाओं में दबदबा बनाया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे आगामी नगर निगम चुनावों के लिए एक ट्रेलर बताया। उद्धव और राज का यह मिलन सिर्फ राजनीतिक कदम नहीं, बल्कि मराठी गौरव और विरासत के लिए एक ऐतिहासिक संकेत है। आने वाले दिनों में यह गठबंधन मुंबई और महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला सकता है, और देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस गठबंधन को कैसे स्वीकारती है।

PREV

मुंबई-पुणे से लेकर पूरे महाराष्ट्र की राजनीति, बिज़नेस गतिविधियाँ, बॉलीवुड अपडेट्स और लोकल घटनाओं पर हर पल की खबरें पढ़ें। राज्य की सबसे विश्वसनीय कवरेज के लिए Maharashtra News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — केवल Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

मुंबई का साइको किलर हसबैंड, टेस्टी बिरयानी की वजह से प्यारी बीवी को मार डाला
Voter ID: भारत के इस राज्य में 70% बांग्लादेशी घुसपैठियों के पास है वोटर आईडी